नई दिल्ली (आईएएनएस/एएनआई)। Delhi Excise policy case : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से तिहाड़ जेल में दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत पूछताछ करेगा। ईडी ने संबंधित अधिकारियों से आवश्यक अनुमति ले ली है। ऐसी संभावना है कि ईडी पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर सकती है। ईडी उनसे 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत के संबंध में पूछताछ करेगी, जो आप पार्टी नेताओं को कथित तौर पर दक्षिण समूह से हवाला चैनलों के माध्यम से प्राप्त हुई थी।

10 मार्च को सुनवाई

मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सोमवार को यह देखते हुए उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी जमानत याचिका भी अदालत के समक्ष लंबित है, जो इस पर 10 मार्च को सुनवाई करेगी। ईडी ने मामले में दो चार्जशीट, एक मुख्य और एक पूरक चार्जशीट दायर की है और अब तक 11 गिरफ्तारियां की हैं।

दवाएं लेने की अनुमति

मनीष सिसोदिया को निर्धारित दवाएं लेने की अनुमति दी गई है। उन्हें न्यायिक हिरासत अवधि के दौरान एक जोड़ी चश्मा, एक डायरी, एक कलम और गीता की एक प्रति ले जाने की भी अनुमति दी गई है। मनीष सिसोदिया के पक्ष के अनुरोध पर, अदालत ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि आरोपी को ध्यान कक्ष में रखने के अनुरोध पर विचार किया जाए। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि उसने जांच का समर्थन नहीं किया है। साथ ही कहा कि उनकी पार्टी और नेता मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं जबकि अभी महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की जानी है।

बार-बार सवाल न पूछे

इससे पहले मनीष सिसोदिया ने खुद अदालत में कहा था कि सीबीआई अधिकारी मेरी देखभाल कर रहे हैं, मेरे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार कर रहे हैं और सभी चीजें दे रहे हैं और किसी तीसरी डिग्री का उपयोग नहीं कर रहे हैं,लेकिन वे मुझे रोजाना 9-10 घंटे बैठा रहे हैं और बार-बार वही सवाल पूछ रहे हैं। यह मानसिक प्रताड़ना कम नहीं। इस पर कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह बार-बार सवाल न पूछे।

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