नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक्ट्रेस-पर्यावरणविद् जूही चावला द्वारा देश में 5 जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ दायर मुकदमे को खारिज कर दिया। जस्टिस जेआर मिधा की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वादी (जूही चावला और अन्य दो याचिकाकर्ता) ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया और उन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए।

ऐसा लगता है प्रचार के लिए ये किया गया
अदालत ने अपने आदेश में कहा: "ऐसा प्रतीत होता है कि मुकदमा प्रचार के लिए दायर किया गया था। वादी जूही चावला ने सोशल मीडिया पर सुनवाई का लिंक प्रसारित किया जिससे तीन बार व्यवधान उत्पन्न हुआ। दिल्ली पुलिस व्यक्तियों की पहचान करेगी और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने व्यवधान पैदा किया।" कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने पूछे थे कई सवाल
बुधवार को सुनवाई के दौरान मामले में वादी चावला की ओर से पेश अधिवक्ता दीपक खोसला से कई सवाल किए गए थे। उनसे पूछा गया कि क्या वादी ने अदालत में आने से पहले किसी प्रतिनिधित्व के माध्यम से सरकार से संपर्क किया था। कोर्ट ने खोसला से आगे पूछा था कि कोर्ट में आने की कार्रवाई का कारण कहां है? अगर वे (सरकार) आपके खिलाफ फैसला लेते हैं, तो आप आ सकते हैं, कोर्ट ने सुझाव दिया था।

जूही ने इसलिए दायर किया था मुकदमा
31 मई को रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन (आरएफ) के हानिकारक प्रभावों के बारे में सक्रिय रूप से जागरूकता पैदा करने वाले अभिनेता ने भारत में 5जी मोबाइल प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उसने दावा किया कि 5G तकनीक लोगों और जानवरों को RF रेडिएशन के संपर्क में लाती है जो आज की तुलना में 10 से 100 गुना अधिक है।

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