कोर्ट ने खड़े किए हाथ
HC ने कहा कि जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इस डॉक्यूमेंट्री से रोक नहीं हटाई जा सकती. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च कर दी है. दरअसल, बीबीसी ने देश की राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में एक युवती के साथ हुई दरिंदगी और उसके बाद हुई उसकी मौत की घटना पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री बनाई थी. इसे महिला दिवस के दिन प्रदर्शित किया जाना था. इस डाक्युमेंट्री में केस के दोषी की तरफ से दिए गए विवादित बयान के बाद काफी विवाद हुआ था. संसद से लेकर सड़क तक इस डाक्युमेंट्री के प्रसारण पर रोक को लेकर मांग उठी, जिसके बाद सरकार ने इसे भारत में प्रसारित न करने का फैसला लिया था.

ब्रिटेन में हुआ प्रसारण
इंडिया की सड़कों से संसद तक हुए बवाल के बाद गृहमंत्री के कहने पर निर्भया पर बनी डॉक्यूमेंट्री को टेलिकास्ट करने पर बैन लगाने की घोषणा की गयी हो लेकिन बीबीसी को इसकी परवाह नहीं है. यही वजह है कि 5 मार्च को इंडियन टाइम के हिसाब से सुबह साढ़े तीन बजे इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटेन में बीबीसी फोर टेलिकास्ट कर दिया गया है. पहले ये डॉक्यूमेंट्री 8 मार्च को दिखाई जानी थी, लेकिन समय में बदलाव किया गया. हालांकि यह डाक्युमेंट्री ब्रिटेन के अलावा कई और देशों में भी दिखाई गई है.

बीबीसी दफ्तर के बाहर प्रर्दशन 
आपको बताते चलें कि डॉक्यूमेंट्री पर रोक के लिए दिल्ली में बीबीसी दफ्तर के बाहर प्रोटेस्ट भी किया गया था, वहीं गैंगरेप के कल्पिट मुकेश को फांसी की मांग को लेकर कोलकाता में लोगों ने प्रदर्शन किया था. इससे पहले भारत सरकार ने बीबीसी से डॉक्यूमेंट्री को नहीं दिखाने को कहा था, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस बाबत निर्देश भी जारी किए थे. राज्यसभा में हंगामे के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह किसी भी हाल में डॉक्यूमेंट्री को टेलिकास्ट नहीं होने देंगे. एनडीए गवरन्मेंट का कहना है कि इस डाक्युमेंट्री को बनाने की परमीशन यूपीए सरकार के टाइम में दी गयी थी. 
कोर्ट ने खड़े किए हाथ
HC ने कहा कि जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इस डॉक्यूमेंट्री से रोक नहीं हटाई जा सकती. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च कर दी है. दरअसल, बीबीसी ने देश की राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में एक युवती के साथ हुई दरिंदगी और उसके बाद हुई उसकी मौत की घटना पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री बनाई थी. इसे महिला दिवस के दिन प्रदर्शित किया जाना था. इस डाक्युमेंट्री में केस के दोषी की तरफ से दिए गए विवादित बयान के बाद काफी विवाद हुआ था. संसद से लेकर सड़क तक इस डाक्युमेंट्री के प्रसारण पर रोक को लेकर मांग उठी, जिसके बाद सरकार ने इसे भारत में प्रसारित न करने का फैसला लिया था.

ब्रिटेन में हुआ प्रसारण
इंडिया की सड़कों से संसद तक हुए बवाल के बाद गृहमंत्री के कहने पर निर्भया पर बनी डॉक्यूमेंट्री को टेलिकास्ट करने पर बैन लगाने की घोषणा की गयी हो लेकिन बीबीसी को इसकी परवाह नहीं है. यही वजह है कि 5 मार्च को इंडियन टाइम के हिसाब से सुबह साढ़े तीन बजे इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटेन में बीबीसी फोर टेलिकास्ट कर दिया गया है. पहले ये डॉक्यूमेंट्री 8 मार्च को दिखाई जानी थी, लेकिन समय में बदलाव किया गया. हालांकि यह डाक्युमेंट्री ब्रिटेन के अलावा कई और देशों में भी दिखाई गई है.

बीबीसी दफ्तर के बाहर प्रर्दशन 
आपको बताते चलें कि डॉक्यूमेंट्री पर रोक के लिए दिल्ली में बीबीसी दफ्तर के बाहर प्रोटेस्ट भी किया गया था, वहीं गैंगरेप के कल्पिट मुकेश को फांसी की मांग को लेकर कोलकाता में लोगों ने प्रदर्शन किया था. इससे पहले भारत सरकार ने बीबीसी से डॉक्यूमेंट्री को नहीं दिखाने को कहा था, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस बाबत निर्देश भी जारी किए थे. राज्यसभा में हंगामे के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह किसी भी हाल में डॉक्यूमेंट्री को टेलिकास्ट नहीं होने देंगे. एनडीए गवरन्मेंट का कहना है कि इस डाक्युमेंट्री को बनाने की परमीशन यूपीए सरकार के टाइम में दी गयी थी. 
 

कोर्ट ने खड़े किए हाथ
HC ने कहा कि जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इस डॉक्यूमेंट्री से रोक नहीं हटाई जा सकती. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च कर दी है. दरअसल, बीबीसी ने देश की राजधानी में 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में एक युवती के साथ हुई दरिंदगी और उसके बाद हुई उसकी मौत की घटना पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री बनाई थी. इसे महिला दिवस के दिन प्रदर्शित किया जाना था. इस डाक्युमेंट्री में केस के दोषी की तरफ से दिए गए विवादित बयान के बाद काफी विवाद हुआ था. संसद से लेकर सड़क तक इस डाक्युमेंट्री के प्रसारण पर रोक को लेकर मांग उठी, जिसके बाद सरकार ने इसे भारत में प्रसारित न करने का फैसला लिया था.


ब्रिटेन में हुआ प्रसारण
इंडिया की सड़कों से संसद तक हुए बवाल के बाद गृहमंत्री के कहने पर निर्भया पर बनी डॉक्यूमेंट्री को टेलिकास्ट करने पर बैन लगाने की घोषणा की गयी हो लेकिन बीबीसी को इसकी परवाह नहीं है. यही वजह है कि 5 मार्च को इंडियन टाइम के हिसाब से सुबह साढ़े तीन बजे इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटेन में बीबीसी फोर टेलिकास्ट कर दिया गया है. पहले ये डॉक्यूमेंट्री 8 मार्च को दिखाई जानी थी, लेकिन समय में बदलाव किया गया. हालांकि यह डाक्युमेंट्री ब्रिटेन के अलावा कई और देशों में भी दिखाई गई है.


बीबीसी दफ्तर के बाहर प्रर्दशन
आपको बताते चलें कि डॉक्यूमेंट्री पर रोक के लिए दिल्ली में बीबीसी दफ्तर के बाहर प्रोटेस्ट भी किया गया था, वहीं गैंगरेप के कल्पिट मुकेश को फांसी की मांग को लेकर कोलकाता में लोगों ने प्रदर्शन किया था. इससे पहले भारत सरकार ने बीबीसी से डॉक्यूमेंट्री को नहीं दिखाने को कहा था, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस बाबत निर्देश भी जारी किए थे. राज्यसभा में हंगामे के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह किसी भी हाल में डॉक्यूमेंट्री को टेलिकास्ट नहीं होने देंगे. एनडीए गवरन्मेंट का कहना है कि इस डाक्युमेंट्री को बनाने की परमीशन यूपीए सरकार के टाइम में दी गयी थी. 

 

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