सबने कहा रवैये को गलत
स्वतंत्रता दिवस के चलते सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पूर्व सैनिको को जंतर मंतर से जबरन हटाने की पुलिस की इस कार्रवाई की चौतरफा निंदा हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा, कांग्रेस के भी पूर्व सैनिकों के समर्थन में आने के दिल्ली पुलिस बैक फुट पर आ गई। इसके बाद पुलिस की ओर से प्रदर्शन को जारी रखने की इजाजत पूर्व सैनिकों को मिल गई है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पूर्व सैनिकों के एक समूह को धरने की इजाजत शर्तों के आधार पर दी गई है। शर्त के मुताबिक, धरना स्थल पर किसी तरह का कोई हंगामा नहीं होने पाए। बताया जा रहा है कि धरने में राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं।

कार्यवाही का किया विरोध
स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर जंतर-मंतर को खाली कराने के दौरान पुलिस कर्मियों को पूर्व सैनिकों के विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि, वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर लंबे समय से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पूर्व सैनिकों को वहां से हटाने में पुलिस कामयाब हो गयी लेकिन इसे लेकर पुलिस और पूर्व सैनिकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। दिल्ली पुलिस जंतर मंतर पर प्रदर्शन पर कर रहे और संगठनों व लोगों को हटा रही है। इसके पीछे स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा को पुख्ता करने की कवायद बताया जा रहा है।

केजरीवाल ने किया विरोध में ट्वीट
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस से पहले राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। दिल्ली में 6,000 से ज़्यादा जवानों को तैनात किया गया है, जो चप्प-चप्पे पर नज़र रखे हुए हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस की इस हरकत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई है। इस पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है।

 

उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को जबरन जंतर मंतर से बाहर फेंक दिया जा रहा है। यह दुखद है। जिन्होंने सीमा पर देश की रक्षा की वे आज सुरक्षा के लिए खतरा हो गए हैं?

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