केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अपनी पार्टी के विधायकों से साथ गृह मंत्रालय के बाहर धरना देने जा रहे थे.

केजरीवाल गृह मंत्री से दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं.

दरअसल, पिछले दिनों एक छापे के दौरान दिल्ली के क़ानून मंत्री और पुलिस के बीच विवाद के बाद पुलिस और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है.

केजरीवाल ने धमकी दी थी कि यदि भारत के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे सोमवार सुबह 10 बजे तक उनकी मांगे नहीं मानते तो वो गृह मंत्रालय के सामने धरने पर बैठ जाएंगे.

बीबीसी संवाददाता दिलनवाज पाशा के मुताबिक़ इससे पहले सुबह दिल्ली सचिवालय में हुई एक बैठक में केजरीवाल के मंत्रिमंडल के साथियों और आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया.

बैठक के बाद केजरीवाल, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और उनकी पार्टी के विधायक के विधायक नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय के दफ्तर के लिए रवाना हो गए.

धारा 144

इस बीच केजरीवाल के धरने के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने रविवार रात से ही नई दिल्ली इलाक़े में धारा 144 लगा दी है.

केजरीवाल के धरने के मद्देनजर नॉर्थ ब्लॉक और उसके आसपास के इलाक़े में कड़ी सुरक्षा की गई है.

उन्होंने बताया कि आसपास के चार मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है और केवल सरकारी कर्मचारियों को ही पहचान पत्र दिखाकर वहां से निकलने की अनुमति होगी.

दरअसल यह मामला दिल्ली सरकार के दो मंत्रियों सोमनाथ भारती और राखी बिड़ला के साथ दिल्ली पुलिस के तकरार से जुड़ा हुआ है.

घटना के बाद केजरीवाल ने अपने दोनों मंत्रियों के साथ प्रेस वार्ता करके दिल्ली पुलिस पर उनकी सरकार के साथ सहयोग न करने का आरोप लगाया था. बाद में उन्होंने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की.

केजरीवाल को रेल भवन के पास रोका गया

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वो अपने पूरी कैबिनेट और विधायकों के साथ गृह मंत्रालय पर धरना देंगें.

अपील

हालांकि अरविंद केजरीवाल ने इस धरने में आम जनता से शामिल नहीं होने की अपील की है.

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर वह अपने सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ गृह मंत्रालय के बाहर धरने पर बैठेंगे. उन्होंने गणतंत्र दिवस की तैयारियों के चलते आम जनता से धरने पर न आने की अपील की है.

इस विवाद के मूल में वो घटना है जिसमें दिल्ली के क़ानून मंत्री सोमनाथ भारती देर रात एक संदिग्ध स्थान पर पुलिस वालों पर छापा मारने का दबाव डाल रहे थे.

इस दौरान मंत्री और पुलिस अधिकारियों ने एक-दूसरे पर अपनी सीमा लाँघने का आरोप लगाया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने अदालत के आदेश पर अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ युगांडा की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार के लिए एफ़आईआर दर्ज की है.

आरोप

युगांडा की कुछ महिलाओं ने छेड़छाड़ और धमकाने के आरोप लगाए थे. अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वो इन महिलाओं के घर में जबरन घुसने के मामले में एफ़आईआर दर्ज करे.

भारती ने पिछले हफ़्ते दिल्ली पुलिस से दक्षिणी दिल्ली के एक घर पर ये कहकर छापा मारने की मांग की थी कि वहां वेश्यावृत्ति और नशीली दवाओं का धंधा होता है.

केजरीवाल को रेल भवन के पास रोका गया

क़ानून मंत्री ने कहा था कि दक्षिण दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन इलाक़े में लोग कथित तौर पर सेक्स रैकेट चलने की शिकायत उनसे कई दिनों से कर रहे हैं.

गुरुवार देर रात भी शिकायत मिलने के बाद वे अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचे थे और उनके अनुसार उन्होंने कुछ ग़लत होते देखा.

तलाशी

भारती के अनुसार उनके बार-बार कहने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने लोगों की तलाशी नहीं ली और उन्हें जाने दिया.

हालांकि पुलिस ने भारती के कहने पर छापा तो नहीं मारा लेकिन बाद में उस घर में रहने वाली महिलाओं और दूसरे अफ़्रीकी मूल के उनके कई साथियों ने ये आरोप लगाया कि मंत्री के साथियों ने औरतों के साथ अभद्र व्यवहार किया है.

भारती ने इन आरोपों से इनकार किया है. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "न्यायालय का क्या आदेश हुआ है वो अभी हमको प्राप्त नहीं हुआ है. आदेश की कॉपी आने के बाद पार्टी अपनी प्रतिक्रिया देगी."

इस बीच रविवार को अफ्रीकी मूल के कुछ लोगों और कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस घटना के ख़िलाफ़ जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने मंत्री के कथित नस्लभेदी बयानों से सख्ती से निपटने की मांग की.

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