नई दिल्ली (एएनआई)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस 'भारत बचाओ' रैली करेगी। इस रैली में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर भी फोकस किए जाने की संभावना है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इस रैली में शामिल होंगी। इस रैली में देश भर के पार्टी कार्यकर्ता भाग लेंगे। वहीं बड़ी संख्या में लोगों को जुटाने पर पार्टी का जोर है। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता रैली को संबोधित करेंगे।


कार्यकर्ता रैली में& 'मोदी है तो मंदी है' के नारे लगाएंगे
यह रैली सुस्त अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं सहित कई मुद्दों को उजागर करने के लिए आयोजित की जा रही& है। साथ ही केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजने की रणनीति बनाई जा रही है। रैली का पूरा फोकस भाजपा की अगुवाई वाली सरकार पर उसकी आर्थिक नीतियों पर हमला करना होगा। सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रैली में& 'मोदी है तो मंदी है' के नारे लगाएंगे। कांग्रेस पार्टी इस नारे का इस्तेमाल भाजपा के नारे - 'मोदी है तो मुमकीन है' का मुकाबला करने के लिए करेगी।
bharat bachao rally: तैयारियां पूरी,आज मोदी सरकार पर दिल्ली में बरसेंगे सोनिया व राहुल गांधी
टीम राहुल रैली में ब्रिंग बैक राहुल कैंपेन को गति देगी
वहीं विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस रैली के जरिए पार्टी में टीम राहुल भी रैली में ब्रिंग बैक राहुल कैंपेन को गति देने तैयारी कर रही है। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी की हार के बाद पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अब राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग उठाने की संभावना है।& कार्यकर्ता राहुल गांधी पर केंद्रित पोस्टर और बैनर के साथ दिखाई देंगे। कांग्रेस और एनएसयूआई जैसे फ्रंटल संगठन रैली के दौरान राहुल को पोस्टर, बैनर और झंडे के माध्यम से पूर्ण समर्थन दिखाएंगे ताकि यह धारणा बनाई जा सके कि पार्टी को राहुल के नेतृत्व की जरूरत है।
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सरकार की नीतियों के खिलाफ पार्टी की पहली भव्य रैली
रैली राष्ट्रीय और कांग्रेस की आंतरिक राजनीति के लिए महत्व रखती है क्योंकि यह सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सत्ता संभालने के बाद सरकार की नीतियों के खिलाफ पार्टी की पहली भव्य रैली होगी। इसके अलावा, रैली कांग्रेस पार्टी के भीतर भी टीम राहुल के लिए ताकत का प्रदर्शन होगी। कांग्रेस पार्टी की रैली पहले 30 नवंबर को होने वाली थी, लेकिन बाद में संसद के शीतकालीन सत्र के मद्देनजर इसे 14 दिसंबर को स्थगित कर दिया गया।

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