- आम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण से प्रोफेशनल्स को कई उम्मीदें, इंडस्ट्री की बेहतर हो स्थिति

-अपना घर और कार जैसे छोटे छोटे सपने पूरे करने के लिए सैलरीड प्रोफेशनल्स ने मांगी टैक्स में राहत

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KANPUR: अथर्व्यवस्था की धीमी ग्रोथ के बीच महंगाई की मार झेल रहे प्रोफेशनल्स इस आम बजट में अपनी फाइनेंस मिनिस्टर से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं। इंडस्ट्री की सुस्ती दूर करने की बात हो या फिर टैक्स का बोझ कम करने का मामला। कानपुर में प्रोफेशनल्स की काफी उम्मीदे हैं। अगर यह उम्मीदें पूरी होती हैं तो उनकी लाइफ कुछ और आसान हो जाएगी। और सेविंग्स के साथ उनकी इंकम भी बढ़ सकेगी। जिससे वो अपना घर खरीदने, कार खरीदने, बच्चों को बेहतर एजूकेशन देने जैसे छोटे-छोटे सपनों को हकीकत में बदल सकें।

बढ़ाए स्टैंडर्ड डिडक्शन

टैक्स डिडक्शन में प्रोफेशनल्स की कई स्पेसिफिक मांगे भी हैं। जिनकी तरफ फाइनेंस मिनिस्ट्री को गौर करने की जरूरत है। उनका कहना है कि सैलरीड प्रोफेशनल्स को टैक्स से राहत मिलनी चाहिए। उसकी स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाया जाए। इसके अलावा लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स एग्जम्प होना चाहिए। जिससे सेविंग्स के साथ उनकी परचेजिंग पावर भी बढ़ेगी।

टैक्स का बोझ्ा हो कम

प्रोफेशनल शोभित सिंह के मुताबिक गवर्नमेंट रोड ट्रांसपोर्ट को लेकर कई तरह के टैक्स लेती है। जैसे टोल टैक्स, रोड टैक्स और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस,एक्साइज डयूटी, वैट। इतने सारे टैक्स क्यों हैं सिर्फ रोड ट्रांसपोर्ट के नाम पर। इसे खत्म किया जाना चाहिए। या फिर एक रोड ट्रांसपोर्ट से संबंधित एक ही टैक्स की व्यवस्था हो। जिससे गैर जरूरी टैक्स का बोझ आम टैक्स पेयर से कम हो सके। टैक्स की प्रणाली का और आसान करने की जरूरत है।

इंडस्ट्री की ग्रोथ पर हो फोकस

नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद से इंडस्ट्री की ग्रोथ भी धीमी रही है। प्रोफेशनल अवधेश सिंह यादव ने बजट में इंडस्ट्रीयल ग्रोथ की रफ्तार तेज करने की मांग की। जिसके लिए कई प्रकार रियायतें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इकोनामिक सुस्ती की वजह से सैलरीज भी नहीं बढ़ रही हैं। बजट में इस सुस्ती को दूर करने के उपाय हों। बजट में एमएसएमई सेक्टर को प्रमोट किया जाए। यहीं से सबसे ज्यादा इंप्लायमेंट जेनरेशन हाेता है।

पेंशन और मेडिकल में मिले राहत

प्रोफेशनल धर्मवीर निगम की भी आम बजट से कई उम्मीदें हैं। उनके मुताबिक सैलरीड यंगस्टर्स के लिए अभी चल रही नेशनल पेंशन स्कीम को और बेहतर बनाने की जरूरत है। इसके अलावा मेडिकल ट्रीटमेंट में टैक्स की लिमिट को बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा मेडिकल इंश्योरेंस को भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखना चाहिए। एक तरफ इनकम बढ़ नहीं रही तो वहीं दूसरी ओर टैक्स के बोझ से स्थिति और खराब हो रही है। ऐसे में देश के प्रोफेशनल्स को फाइनेंस मिनिस्टर से काफी उम्मीदे हैं।