-तेजी से बढ़ रहा क्रेज, लाइसेंस की भी झंझट नहीं

-पटाखे लगाने से बंदूक जैसी निकल रही आवाज

बरेली: बरेलियंस में लाइसेंसी शस्त्र की जगह एयर गन रखने का भी क्रेज बढ़ रहा है। ज्यादातर लोग अब सिक्योरिटी के लिए इसे खरीद रहे हैं। एयर गन के बढ़ती क्रेज की एक खास वजह यह है कि अब मार्केट में ऐसी एयर गन भी आ रही हैं जिनसे फायर की आवाज भी निकलती है। खास बात यह है कि इसके लिए आपको लाइसेंस भी लेना पड़ता है। साथ ही यह देखने में राइफल की तरह ही लगती है। इस तरह के गन की कीमत 2500 रुपये से 45 हजार तक की रेंज में है।

रोजाना बिक रही 4-5 एयरगन

शहर में 20 गन हाउस हैं। यहां से रोजाना 4-5 एयर गन की बिक्री हो रही है। जबकि कई लोग एयर गन के बारे में जानकारी लेने शॉप पर पहुंच रहे हैं।

यह है विशेषता

-35 से 50 मीटर की रेंज में चलती है 'गोली' (छर्रे)

- 40 रुपये में मिलती है 100 'गोली'

-2 रुपए का पटाखा लगाने से आती है फायर की आवाज

-एयर गन से बिना 'गोली' के भी निकली है ट्रिगर दबाने पर आवाज।

सुरक्षा के काम आ रही एयर गन

एयर गन का पहले उपयोग निशानेबाजी के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसका प्रयोग सुरक्षा के लिए भी किया जाने लगा है। लोग बंदर, शराबी, चोर को भी भगाने के यूज कर रहे हैं।

एयर गन से ललकारा तो भागे चोर

पॉश कालोनी पवन विहार में सुरक्षा इंतजामों को धता बताते हुए गत दिनों चोरों ने बिजली विभाग के इंजीनियर प्रवीण सक्सेना के घर में धावा बोल दिया। इसी मकान में आरयू में मैकेनिकल इजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत सिंह भी रहते हैं। उन्होंने एयरगन को राइफल बताते हुए ललकारा तो चोर छत से डर की वजह से कूद गए थे। जिनमें दो को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। जिनके पास से चाकू और तमंचा भी बरामद हुआ था।

एयर पिस्टल की भी डिमांड

एयर गन के साथ एयर पिस्टल की भी डिमांड कम नहीं है। ये पिस्टल 1500 से 3700 हजार रुपये तक कीमत है, जिसकी मारक क्षमता 4 से 15 मीटर तक है। इस पिस्टल को ज्यादातर युवा निशानेबाजी सीखने के नाम पर खरीददते हैं।

निशानेबाजी के साथ-साथ यह सुरक्षा की दृष्टि से भी अच्छी है। इसे लेने में कोई लाइसेंस की भी जरूरत नहीं है।

-नदीम करगैना, एयरगन ग्राहक

बरेली में लाइसेंसी शस्त्र की बिक्री महीने में एक-दो ही किसी तरह हो पाती है। क्योंकि रोक हटने के बाद भी शस्त्र लाइसेंस नहीं बन रहे हैं। हालांकि लोग एयर गन सुरक्षा की भी दृष्टि से खरीदने लगे हैं। जिसे खरीदने के लिए लाइसेंस नहीं लेना पड़ता है।

- गुरजीत ंिसंह, सेक्ररेटरी, बरेली आ‌र्म्स डीलर एसोसिएशन, बरेली