-मंडलीय हॉस्पिटल के अधिकतर वॉ‌र्ड्स में पसरी है गंदगी, अरसे से नहीं बदला गया कूलर का पानी

-पेशेंट्स के लिये मच्छरदानी व डेंगू किट भी नहीं है अवेलेबल, बीएचयू के तीन स्टूडेंट्स में मिले डेंगू के लक्षण

VARANASI:

शहर पर डेंगू का साया मंडरा रहा है। बीएचयू के तीन स्टूडेंट्स पर इसका कहर टूटा है। उनमें डेंगू के लक्षण पाए गए हैं। इनका चेकअप बीएचयू में ही चल रहा है। लास्ट वीक शिवपुर एरिया की एक लेडी की डेंगू के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद सभी गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स को डेंगू के लिए अलर्ट भी जारी किया गया था। ऐसे में चौंकाने वाली बात यह है कि मंडलीय हॉस्पिटल खुद ही डेंगू मच्छर पाल रहा है। इसके बावजूद यहां के अधिकतर वॉर्ड्स में न तो कूलर का पानी चेंज किया जाता है और न ही साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है। इस टाइम डायरिया, मलेरिया सहित संक्रामक बीमारियों से पीडि़त पेशेंट्स की संख्या भी मंडलीय हॉस्पिटल में फुल है। इसमें बीते कुछ दिनों से हो रही बरसात का भी योगदान है।

हर वॉर्ड रहा कराह

हॉस्पिटल के इमरजेंसी वॉर्ड से लेकर जनरल वॉर्ड तक गंदगी पसरी हुई है। सभी वॉ‌र्ड्स के कूलरों से अरसे से साफ-सफाई नहीं हुई है। यहां तक कि महीनों से कूलर के पानी को भी नहीं चेंज किया गया है। जबकि मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रिकॉशन्स में साफतौर पर पानी इकठ्ठा न होने देने का जिक्र होता है। वॉ‌र्ड्स के पेशेंट्स के अनुसार सफाई कर्मियों से कई बार कहने के बावजूद कूलर का पानी चेंज नहीं किया गया।

पंफलेट के जरिये अवेयरनेस

मंडलीय हॉस्पिटल में पंफलेट के जरिये दूसरों को तो साफ-सफाई रखने के लिये अवेयर किया जा रहा है। इमरजेंसी में चस्पा किये गए पंफलेट्स में डेंगू से बचाव बरती जाने वाली सावधानियों का जिक्र है। लेकिन विडंबना यह है कि पेशेंट्स को डेंगू जैसी किसी भी वायरल बीमारी की चपेट में आने से बचाने के लिये मच्छरदानी व किट ही अवेलेबल नहीं है। जबकि पंफलेट में बाकायदा लिखा हुआ है कि डेंगू पेशेंट्स को मच्छरदानी के अंदर रहना कम्पलसरी है।

कूलर का पानी चेंज नहीं किया जाता है। इसके लिए कई बार वॉर्ड स्टाफ से कम्पलेन भी की गई है।

पप्पू कुमार, तीमारदार