-निजी अस्पतालों में रोजाना आ रहे तीन-चार मरीज

-सरकारी और निजी अस्पतालों ने की अपने-अपने स्तर पर तैयारी

Meerut : डेंगू ने दबे पांव मेरठ में दस्तक दे दी है। कुछ चिह्नित तो कुछ संदिग्ध डेंगू के मरीज अस्पतालों में पहुंचने शुरू हो गए हैं। आधी-अधूरी तैयारियों के साथ चिकित्सा विभाग महामारी से लड़ने की तैयारी में है तो वहीं निजी अस्पतालों ने भी अपने यहां अलग वार्ड बना लिए हैं। अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के संदिग्ध मरीजों की रिकार्ड भीड़ देखने को मिल रही है। आई नेक्स्ट टीम ने गुरुवार को महामारी की तैयारी का जायजा लिया

मेडिकल में नहीं मरीज

एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में गुरुवार को एक भी डेंगू मरीज नहीं मिला तो वहीं विभागों में भी किसी संदिग्ध की जानकारी नहीं थी। कॉलेज प्राचार्य प्रो। केके गुप्ता ने बताया कि कॉलेज के आसपास उन्होंने फागिंग करा दी है। पैथोलॉजी में फ्री एलाइजा टेस्ट की व्यवस्था है। इमरजेंसी में डेंगू के मरीज के लिए अलग से वार्ड बनाया जाएगा। कॉलेज की ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ब्लड मौजूद है।

निजी अस्पताल भी हैं तैयार

शहर के निजी अस्पतालों में डेंगू को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। अस्पतालों में एलाइजा टेस्ट की प्रॉपर व्यवस्था पैथोलॉजी में की गई है। आनंद हॉस्पीटल के मैनेजर सलमान अशरफ ने बताया कि अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए आठ बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। अस्पताल प्रशासन जांच में आने वाले संदिग्ध और प्रमाणिक मरीजों की जानकारी चिकित्सा विभाग को दे रहा है।

सीएचसी-पीएचसी के निर्देश

सीएमओ डॉ। रमेश चंद्रा ने बताया कि फिलहाल शहर में डेंगू की आपात स्थिति नहीं है। अभी एक पॉजिटिव ही पकड़ में आया है। कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है, सरकारी एवं निजी अस्पतालों से डेंगू के मरीजों के संबंध में रोजाना की रिपोर्ट यहां एकत्र हो रही है। सीएचसी और पीएचसी को भी कड़े निर्देश दिए हैं। चिकित्सा विभाग जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है।

संयम से कराएं इलाज

आनंद हॉस्पीटल के काय चिकित्सक डॉ। एनपी सिंह ने कहा कि डेंगू के मरीज की देखभाल करें, न तीमारदार परेशान हों और न मरीज को परेशान होने दें। डेंगू का कोई खास इलाज नहीं है, ज्यादातर मरीज वायरस का जीवन चक्र पूर्ण होते ही ठीक हो जाते हैं। इस दौरान सिम्पटम्स का इलाज किया जाता है। पानी की कमी न हो इसका विशेष ख्याल रखा जाता है।

देसी नुस्खों से परहेज

डॉ। सिंह ने बताया कि बकरी का दूध पीने, पपीते का जूस पीने या रीयल जूस पीने से डेंगू की बीमारी का इलाज नहीं हो सकता है। प्लेटलेट्स कम होने की वजह साफ होने और डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज का चिकित्सीय परामर्श कर उपचार कराया जाए।