- सीएमओ ने खराब क्वालिटी के कार्ड टेस्ट से जांच पर उठाए सवाल,प्राइवेट अस्पतालों पर कसेगा शिंकजा

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KANPUR: अपनी नाकामी छिपाने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट भले ही कागजों में सिटी में डेंगू का प्रकोप कम दिखा रहा हो, लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल्स और झोलाछाप डॉक्टर्स की मुनाफाखोरी ने हालात बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डेंगू का डर दिखा लाखों की वसूली के कई केस सामने आ चुके हैं। गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स भी इस बात को मान रहे हैं.सिटी के सबसे बड़े टर्सरी केयर वाले संस्थान एलएलआर इमरजेंसी में बीते 10 दिनों से हेमरेजिक डेंगू वाले पेशेंट्स तेजी से बढ़े हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स से केस बिगड़ कर भेज रहे हैं। वहीं अब हेल्थ डिपार्टमेंट भी ऐसे हॉस्पिटल्स पर नकेल कसने की तैयारी में है।


 

सबस्टैंडर्ड किट से जांच

सीएमओ डॉ.अशोक शुक्ला ने डेंगू के केस इतने बढ़ने की एक वजह गैर मानक वाले रैपिड कार्ड से हो रहे टेस्ट को भी माना। हालाकि कई प्राइवेट पैथोलॉजी कार्ड टेस्ट के साथ एलाइजा जांच भी कर रही हैं। जिसमें बड़ी संख्या में पेशेंट्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हेल्थ डिपार्टमेंट इन आंकड़ों को नहीं जोड़ता। वहीं इन गैर मानक वाले कार्ड टेस्ट को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए इसको लेकर वह स्पष्ट कुछ नहीं बता सके।


 

प्रोटोकॉल फालो नहीं

डेंगू पॉजिटिव आने वाले पेशेंट्स के ट्रीटमेंट को लेकर क्लियर गाइडलाइन हैं। अगर पेशेंट को कोई दूसरी प्रॉब्लम नहीं है तो शुरुआती दिनों में पेशेंट को भर्ती करने की बजाय सिर्फ पीसीएम की खुराक और लिक्विड देने से आराम मिल जाता है। लेकिन कई केसेस में सामने आया कि 5 से 6 दिन के बुखार में भी बड़े अस्पतालों ने भी पेशेंट को सिर्फ कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर आईसीयू में भेज दिया,लेकिन एलाइजा जांच कराने की जरूरत नहीं समझी और अपना बिल बढ़ाते रहे। अब हेल्थ डिपार्टमेंट इसी बात पर फोकस कर रहा है। हालाकि सीएमओ ने माना कि कई बार प्रोटोकॉल फालो करने की गाइडलाइन प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भेजी गई,लेकिन वह उसे फालो नहीं कर रहे। अब ऐसे अस्पतालों को नोटिस जारी किया जाएगा.


 

प्लेटलेट्स के लिए कैंप लगाएंगे

सीएमओ डॉ। अशोक शुक्ला ने बताया कि सिटी में दो सरकारी ब्लड बैंकों में अभी 100 यूनिट प्लेटलेट्स हैं। डिमांड को देखते हुए ब्लड डोनेशन कैंप की संख्या बढाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से सिर्फ 50 ग्राम प्लेटलेट ही कलेक्ट होती है। जबकि सिंगल डोनर प्लेटलेट में यह तादात काफी ज्यादा होती है। सिटी में प्लेटलेट की डिमांड बढ़ी है तो पैक सेल भी काफी जमा हो गए हैं। जिन्हें इटावा और दूसरे शहरों के ब्लड बैंकों को भेजा जा रहा है।


 

मृतकों की रिपोिर्टग शुरू

अभी तक सरकारी आंकड़ों में डेंगू से मरने वालों की संख्या मात्र 1 ही थी,लेकिन लगातार मौत के मामले सामने आने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से ऐसे केसेस की रिपोर्टिग शुरू की गई है। मौत के 38 मामलों की जांच की जा रही है। वहीं टयूजडे को सरकारी आंकड़ों में डेंगू से मरने वालों की संख्या 3 बताई गई।

 

सरकारी आंकड़ों में डेंगू-

11 नवंबर तक-

1974- कुल पॉजिटिव डेंगू पेशेंट्स

1467- कानपुर में रहने वाले पॉजिटिव पेशेंट्स

1154- अर्बन एरिया में रहने वाले पेशेंट्स

126- रूरल एरिया में रहने वाले पेशेंट्स

39- कैंट एरिया में डेंगू पेशेंट्स

3309- को लार्वा मिलने पर नोटिस दिया

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डेंगू मलेरिया से 6 की मौत

डेंगू और मलेरिया से मौतों का सिलसिला जारी है। टयूजडे को इससे 6 लोगों की मौत की सूचना मिली। बजरिया निवासी सुभाषा(56) ,कर्नलगंज निवासी राजेंद्रनाथ (69) की हैलट इमरजेंसी के मेडिसिन वार्ड में इलाज के दौरान मौत हो गई। बर्रा की किरन तिवारी(45) की हैलट में मौत हो गई। वहीं गुरुदेव चौराहे के पास स्थित न्यू लखनपुर हॉस्पिटल में भी 25 साल की मारिया की मौत डेंगू शॉक सिंड्रोम से हो गई। कल्याणपुर के ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में छह साल की मरियम की मौत हो गई। परिजनों ने उसके डेंगू होने की पुष्टि की। हालांकि हॉस्पिटल ने डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है। इसके अलावा 80 साल की रामरती की फैल्सिफेरम मलेरिया की वजह से हैलट इमरजेंसी में मौत हो गई।