- मरने वालों की संख्या पहुंची आठ, 15 पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि, शहर की ओर बढ़ी बीमारी, हाई अलर्ट

- बौहर गांव में मेडिकल टीम पर हमला, फोर्स तैनात की गई,

- डेंगू से मौतों को छिपाने की सरकारी कोशिशें शुरू, संक्रामक रोग वैज्ञानिक बोले ट्रांसमिट हुआ डेंगू

KANPUR@inext.co.in

KANPUR: डेंगू का डंक अब शहर की ओर रुख कर रहा है। जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। शहर में हाई अलर्ट करने के साथ सभी सरकारी हॉस्पिटल्स को इमरजेंसी एलर्ट पर कर दिया गया है। स्पेशल टीमों को भी तैनात किया गया है। मंगलवार को उर्सला आईसीयू में भर्ती बौहार गांव के सर्वेश की डेंगू से मौत हो गई। हालांकि इसकी मौत डेंगू से होने की बात छिपाने के लिए डॉक्टर्स उसके डेथ सर्टिफिकेट में खेल करने से भी नहीं चूके। उधर, बौहार गांव के इलाज में लापरवाही को लेकर भड़क गए, जिन्हे शांत रखने के लिए पुलिस फोर्स तैनात की गई है। देर शाम बेहटा बुजुर्ग गांव में भी एक मौत के बाद अब मरने वालों की संख्या आट पहुंच गई है।

वहीं मंगलवार को 15 और पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसमें से ज्यादातर पेशेंटस बौहार गांव के हैं जिनका उर्सला, कांशीराम और कई प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज चल रहा है। वहीं मंगलवार को स्वास्थ्य निदेशालय से एक टीम हालात का जायजा लेने आई। वहीं अपनी नाकामियां छिपाने के लिए स्वास्थ्य विभाग वायरस के ट्रांसमिट होने का शिगूफा भी छोड़ रहा है।

डेंगू से 2 मौत 15 नए पेशेंट्स

बौहर गांव में शुक्रवार को एक साथ सैकड़ों लोगों के बीमार पड़ने और 6 की मौत के बाद मंगलवार को उर्सला के आईसीयू में भर्ती उसी गांव के सर्वेश (40) की मौत हो गई। शाम को मेडिकल कॉलेज में हुई जांच में उसे डेंगू होने की पुष्टि हुई।

सोमवार को 29 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे.जिसमें से ज्यादातर बौहार गांव के हैं।

अस्पतालों में लगातार आ रहे

बौहार गांव के अलावा अब शहर के कई इलाकों से भी डेंगू जैसे लक्षणों वाले पेशेंट्स अस्पतालों में भर्ती होने लगे है। मंगलवार को जहां उर्सला में बौहर गांव से 22 पेशेंट्स का इलाज किया जा रहा था। वहीं हैलट इमरजेंसी भी बौहर गांव के 3 पेशेंट्स भर्ती हुए। विचित्र बुखार से मरने वाले शिवबाबू की पत्‍‌नी सरोज उत्तम (32) को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। शिवबाबू की मौत के बाद अब उसका पूरा परिवार बाल रोग और हैलट में भर्ती है। उसके अलावा रामबली (80) और उसकी पत्‍‌नी सावित्री (73) भी भर्ती हुई। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटलों में भर्ती हो रहे पेशेंट्स की तो स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक सुध भी नहीं ली है। वहीं हैलट में भर्ती दो पेशेंट्स की हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया है।

बौहार में हालात बदतर

मंगलवार को उर्सला आईसीयू में सर्वेश की मौत की सूचना घर पहुंचने के कुछ देर बाद ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी परिजनों का चेकअप और एंटी लार्वा का छिड़काव करने पहुंची, लेकिन इस दौरान परिजनों की टीम से झड़प हो गई। वहीं बीमारी की वजह से ग्रामीणों का पलायन भी शुरू हाे गया है।

नाकामी छिपाने की कोशिशें शुरू

शहर में डेंगू के सबसे बड़े हमले के बाद अब स्वास्थ्य विभाग अपनी नाकामी छिपाने में जुट गया है। मंगलवार को स्वास्थ्य निदेशालय से कम्यूनिकेबल डिसीज विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ। विजय सिंह चौहान ने उर्सला, बालरोग अस्पताल और बौहार गांव जाकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान वह जीएसवीएम के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट भी गए और बीमारी के आंकड़े जुटाए। वहीं साथ आए संचारी रोग विशेषज्ञ डॉ.देव सिंह ने बौहार में डेंगू के कहीं और से ट्रांसमिट होने की बात कही।

डेथ सर्टिफिकेट में किया खेल

मंगलवार को उर्सला आईसीयू में मरे सर्वेश की मौत की वजह उसके डेथ सर्टिफिकेट के हिसाब से कार्डिएक रेस्पेरेटरी अरेस्ट है। उसका इलाज कर रहे डॉ.रामजी खन्ना ने पहले तो डेथ का कारण पाइरेक्सिया लिखा फिर उसे काट कर कार्डिएक अरेस्ट लिख दिया। हालांकि शाम को उसे डेंगू होने की पुष्टि हुई। परिजनों ने विरोध किया तो डॉक्टर ने सर्वेश का पोस्टमार्टम कराने के लिए कह दिया। यह सिर्फ एक बानगी भर है कि कैसे डेंगू के मामलों को कम से कम ि1दखाया जाए।

हैलट में इलाज की बदइंजामी

बाल रोग और उर्सला में जहां बौहार गांव से भर्ती हुए कई पेशेंट्स की मंगलवार को छुट्टी कर दी। वहीं हैलट में गांव से आए पेशेंट्स के इलाज में काफी बदइंतजामी की बात भी सामने आई है। हैलट के मेडिसिन वार्ड- 16 बौहार गांव के 6 पेशेंट्स का इलाज चल रहा है जिसमें से ज्योति को डेंगू की पुष्टि भी हुई है। लेकिन इन सभी को आम पेशेंट्स के साथ ही रखा गया है। स्थिति बदतर होने की एक वजह यह भी है कि उसी वार्ड में बेहद जर्जर स्थिति में कुलर लगा है और वार्ड के आस पास नाली भरी हुई गंदगी है। जबकि उर्सला और बालरोग अस्पताल में बौहार गांव के पेशेंट्स का अलग वार्ड में इलाज किया जा रहा है।