- लगातार फैल रहे डेंगू के इलाज के लिए एलोपैथी के अलावा आयुर्वेद और होम्योपैथी भी विकल्प

- जिले में डेंगू पेशेंट्स की संख्या का आंकड़ा 100 के पार

KANPUR: शहर में डेंगू पहली बार इतने विकराल रूप में फैला है। गांव के अलावा शहर के कई इलाके इसकी चपेट में हैं और लगातार इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सबसे जरुरी है पब्लिक को डेंगू की पहचान कर पाना और फिर उसका इलाज करना। डेंगू के लगातार बढ़ रहे पेशेंट्स से शहर के ज्यादातर हॉस्पिटल्स फुल हो चुके हैं। ऐसे में कई पेशेंट्स को सही समय पर सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। जबकि एलोपैथी के अलावा आयुर्वेद और होम्योपैथी में भी डेंगू से बचाव और उसका इलाज है।

ऐसे करें इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत

आयुर्वेदाचार्य डॉ। सतीश चंद्र शुक्ला बताते हैं कि डेंगू भी एक तरह का वायरल बुखार है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उन पर यह ज्यादा खतरनाक तरीके से हमला करता है। डॉ। शुक्ला बताते हैं कि इससे बचाव के लिए तुलसी, काली मिर्च और गुर्च का काढ़ा सबसे फायदेमंद होता है। 11 पत्ती तुलसी, 3 कालीमिर्च के दाने और आधे चम्मच से थोड़ा कम गुर्च मिला कर दिन में दो बार पीने से न सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि यह शरीर से हानिकारक वायरस को भी दूर रखता है। बाजार में यह गोली, चूर्ण और सीरप तीनों रूप में उपलब्ध है। इसके अलावा महासुदर्शन चूर्ण भी डेंगू से बचाव में फायदेमंद होता है।

बेहद असरदार है

डेंगू होने पर इसका इलाज भी आयुर्वेद में होने का डॉ। शुक्ला दावा करते हैं। उन्होंने बताया कि अमृतारिष्ठ जिसे गिलोयसज्ब भी कहते हैं, यह डेंगू के इलाज में सबसे कारगर दवा है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। इसके अलावा भू आंवला वायरल डिजीज के इलाज में सर्वाधिक असरदार होता है। यह मार्केट में गोली, सीरप और पाउडर तीनों किस्मों में उपलब्ध है।

होम्योपैथी में डेंगू से बचाव और इलाज

होम्योपैथी में इलाज हमेशा लक्षणों के आधार पर होता है। खास तौर से अगर डेंगू की बात करें तो होम्योपैथ डॉ। हेमंत मोहन बताते हैं कि अभी जो डेंगू का वायरस है। उसमें बीमारी के लक्षण बदल रहे हैं। ऐसा वायरस के डीएनए आरएनए मैपिंग बदलने की वजह से हो रहा है। इस समय डेंगू के जो पेशेंट्स आ रहे हैं, उनके लाल चकत्ते नहीं पड़ रहे हैं। इसके अलावा उनका ईएसआर और प्लेटलेट्स काउंट भी कम नहीं है।

ऐसे करें बचाव

होम्योपैथी में डेंगू से बचाव के लिए इन्फ्लोइंजम दवा का यूज किया जाता है। यह एक एंटी वायरस दवा है। जिसे खास तौर पर उन एरियाज में रहने वाले लोगों को खाना चाहिए, जहां पर यह बीमारी फैली है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।

इलाज-

होम्योपैथ में डेंगू के इलाज के लिए कई तरह की दवाओं का प्रयोग किया जाता है। जिन्हें नार्मल दवाओं के साथ भी खाया जा सकता है। प्रोडेलाग्सहोरीडॉल लिक्विड, यूपेटोरियम परफोलेटम-200 दवा भी काफी कारगर है। इसकी 5 बूंदे हर 3 घंटे में पीने से हड्डियों में दर्द और अक्सर होने वाला सेकेंड्री इंफेक्शन जल्दी ठीक हेता है।

डेंगू मरीजों का आंकड़ा सैकड़ा पार

शहर में डेंगू का प्रकोप बीते सालों में अब तक के सबसे खतरनाक रूप में सामने आया है। बौहार गांव से शुारू हुआ डेंगू अब शहर के कई इलाकों में फैल चुका है। मुश्किल की बात यह है कि बौहार गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमों के लगातार एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करने और साफ सफाई करने के बावजूद यहां के मरीजों में लगातार डेंगू की पुष्टि हो रही है। शुक्रवार को भी 5 पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि हुई। इसमें से 4 बौहर गांव के हैं, जिनका उर्सला में इलाज चल रहा है। इसके अलावा एक पेशेंट हैलट का है, जिसमें डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा उर्सला के आईसीयू में भर्ती बौहार गांव के संदीप पाल की हालत भी नाजुक बनी हुई है।