सात कैदी हुए डिस्चार्ज

सेंट्रल जेल में बंद 19 सौ कैदियों में से 130 कैदी बुखार से ग्रस्त हैैं। उनमें से 23 कैदियों को एसएन मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया था। उसमें एक डिप्टीजेलर केपी सिंह भी डेंगू केशिकार हो गए हैं। सभी की ब्लड रिपोर्ट चेक करने के लिए लैब भेजा था। जिसमें डिप्टसी जेलर सहित 12 लोगों को डेंगू पॉजटिव निकला। मंडे दोपहर सात कैदियों को डॉक्टर ने खतरे से बाहर बताया। उन्हें डिस्चार्ज कर दिया है।

सता रहा है डेंगू का डर

सेंट्रल जेल में अचानक एक साथ कैदियों में बढ़ रहे बुखार से उनकी सुरक्षा में लगे बंदी रक्षकों को भी डेंगू का डर सता रहा है। वे बैरकों में बाहर से ही देखकर ड्यूटी कर निकल जाते हैं।  

डेंगू को समझ रहे अछूत

अज्ञानता में बहुत से कैदी डेंगू को अछूत की बीमारी समझ रहे हैं। उनको डर है कि डेंगू एक दूसरे के साथ रहने से हो रहा है। इसके चलते कुछ दबंग कैदियों ने तो अपना ठिकाना अलग कर लिया है.डेंगू के शिकार बंदियों को अपने बैरक में अंदर आने से मना कर दिया है। कैदियों ने मिलाई करने आए परिजनों से मच्छरों को मारने के लिए स्प्रे भी मंगा लिए हैं।

एंटी लारवा का छिड़काव

सेंट्रल जेल के सुपरीटेंडेंट वीआर वर्मा ने बताया कि हेल्थ विभाग की तरफ से दो दिन से एंटी लारवा का छिड़काव कराया है। जहां पानी स्टोर होता है। वहां मिट्टी का तेल डलवाया गया है। जिससे लेयर बन जाएगी तो मच्छर नहीं बढ़ेंगे। कई बार फॉगिंग कराई गई है। कै दियों के कपड़ों को भी सुखाया गया है। बैरकों के अंदर भी सफाई कराई जा रही है।

दिलबाग, कैदी सेंट्रलजेल

एक साथ कई साथियों को डेंगू ने शिकार बना लिया है। सभी कैदी लगभग एक साथ रहते हैं। डर लगा रहता है। कि हमें भी डेंगू न हो जाए।

पप्पू- सेंट्रलजेल कैदी

जेल में सफाई तो ठीक रहती है। लेकिन डेंगू से शहर में प्रकोप मचा हुआ है। जेल में कैदियों के साथ डिप्टी जेलर को भी डेंगू हो गया है। डर के वजह एक-दूसरे के कपड़े भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

वीआर वर्मा-सुपरिटेंडेंट सेंट्रल जेल

एंटी लारवा, मिट्टी का तेल, फॉगिंग और बैरकों की सफाई कराई गई है। एसएन से सात कैदियों को डॉक्टर ने छुट्टी दे दी है.