- दून में 34 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि, 302 पहुंची मरीजों की संख्या

- एमएलए हॉस्टल में डेंगू के अटैक के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया दौरा, हॉस्टल में मिला लार्वा

DEHRADUN: डेंगू को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे सारे दावे फेल होते जा रहे हैं। सैटरडे को दून में 34 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई, जिसके बाद डेंगू के मरीजों की संख्या 302 पहुंच गई है। स्टेट में डेंगू के मरीजों 314 हो गई है। इधर, रेसकोर्स स्थित वीआईपी एमएलए हॉस्टल में डेंगू के अटैक के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण कर मच्छरों का लार्वा इकट्ठा किया।

एमएलए हॉस्टल में मिले लार्वा

दून स्थित वीआईपी एमएलए हॉस्टल में केदारनाथ विधायक मनोज रावत की पत्‍‌नी को डेंगू होने की खबर सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। सैटरडे को सीएमओ डॉ। एसके गुप्ता के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एमएलए हॉस्टल का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकांश हॉस्टल के कूलरों में पानी भरा हुआ मिला, जिसमें मच्छरों के लार्वा पाए गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरे हॉस्टल का निरीक्षण कर कूलरों को खाली कराया। पूरे परिसर में नगर निगम के सहयोग से फॉगिंग भी कराई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी को डेंगू को लेकर अवेयर भी किया। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रायपुर क्षेत्र में भी डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान लोगों को डेंगू को लेकर अवेयर किया गया। स्वास्थ्य केन्द्र डोईवाला की स्वास्थ्य टीम ने बालावाला क्षेत्र का निरीक्षण कर डेंगू बुखार से पीडि़त रोगियों से सम्पर्क कर अवेयर किया। साथ ही क्षेत्र में फॉगिंग के लिए नगर निगम को निर्देश दिए।

डेंगू अब तक-

दून में नए केस- 34, - 21 मेल, 13 फीमेल

सैटरडे को रायपुर से सभी केस - 34

दून में टोटल केस- 302

स्टेट में कुल केस- 12

टोटल केस- 314, --210 मेल, 104 फीमेल

एक और लैब टैक्नीशियन की डिमांड

दून हॉस्पिटल में डेंगू की जांच के लिए आ रहे सैंपल के बढ़ते बैकलॉग को देखते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन ने कॉलेज प्रबंधन से एक ओर लैब टैक्नीशियन की डिमांड की है। वर्तमान में दून हॉस्पिटल में एक ही लैब टैक्नीशियन के भरोसे पैथोलॉजी में एलाइजा टेस्ट की जिम्मेदारी है। सस्पेक्टेड पैशेंट्स के रोजाना औसतन 300 सैंपल लैब में जांच के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन दून हॉस्पिटल में केवल 200 सैंपलों की ही एक दिन में जांच हो पा रही है। ऐसे में रोजाना औसतन 100 सैंपल अगले दिन के लिए बैकअप में रखे जा रहे हैं। इस कारण सैंपल का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है और पैशेंट्स को दो-दो दिन तक जांच रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है। एलाइजा टेस्ट के लिए एलाइजा रीडर मशीन यूज की जाती है। 100 सैंपल एक बार में जांच के लिए मशीन में डाले जाते हैं, जांच प्रॉसेस में 3 घंटे का वक्त लगता है। 200 सैंपल्स की जांच में इस तरह 6 घंटे लग रहे हैं। कर्मचारियों की ड्यूटी 2 बजे तक होती है, लेकिन एलाइजा टेस्ट के लिए शाम 5 बजे तक रुकना पड़ रहा है। दून हॉस्पिटल के अलावा स्वास्थ्य विभाग ने कोरोनेशन और गांधी शताब्दी हॉस्पिटल में डेंगू की जांच करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोरोनेशन हॉस्पिटल में एलाइजा रीडर मशीन के खराब होने से सारे सैंपल दून हॉस्पिटल में ही भेजे जा रहे हैं।