- जिला अस्पताल में बदइंतजामी ऐसी कि पनप सकते डेंगू के मच्छर

- अस्पताल कैम्पस से लेकर सीएमओ ऑफिस तक पसरी है गंदगी, टायर में जलजमाव

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GORAKHPUR:

मौसम गरम भी है और बरसाती भी। डेंगू के मच्छर पनपने के लिए यही मौसम है। यानी, माहौल इन मच्छरों के अनुकूल है। अब यदि डेंगू से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की बात करें तो इंतजाम की जगह बदइंतजामी ऐसी है कि अस्पताल में ही मच्छर पनप जाएं। गोरखपुर में डेंगू के तीन पेशेंट्स सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य महकमा सो रहा है। शनिवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने रिएल्टी चेक किया तो जो हालात दिखे, वह दंग कर देने वाले हैं। जिला अस्पताल में डेंगू पेशेंट्स के इलाज के लिए वार्ड बनाया गया है लेकिन यहीं पर सीएमओ ऑफिस में टायर में जलजमाव है। कैम्पस से लेकर हर तरफ गंदगी पसरी पड़ी है। सवाल उठता है कि यहां तो माहौल डेंगू के इलाज का नहीं बल्कि डेंगू वाले मच्छरों के पनपने वाला है। ऐसे में किसी को डेंगू हो जाए तो वह कहां जाए?

सीएमओ ऑफिस, दोपहर 12.30 बजे

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सीएमओ ऑफिस में इन किया तो ऑफिस की छत पर टायर पड़े नजर आए। जाकर देखा तो उसमें बारिश का पानी जमा था। बता दें कि टायर के पानी, कूलर के पानी में ही डेंगू वाले मच्छर सबसे अधिक पनपते हैं। यह तस्वीर डेंगू से लड़ने के लिए स्वास्थ्य महकमे की पूरी तैयारी की पोल खोल देने वाली है।

डेंगू वार्ड, 12.45 बजे

अस्पताल में स्थित डेंगू वार्ड के आसपास भी गंदगी नजर आई। यहां एक स्टाफ से डेंगू वार्ड के बारे में पूछा गया तो उसे वार्ड के होने की जानकारी ही नहीं थी। 5 बेड वाले डेंगू वार्ड में एक भी पेशेंट नजर नहीं आया। पता चला कि पेशेंट्स तो प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करा रहे हैं।

सरकारी पर भरोसा नहीं, प्राइवेट में इलाज

शहर के विभिन्न अस्पतालों में डेंगू के दस संभावित पेशेंट्स एडमिट किए गए। इनमें से तीन को डेंगू होने की पुष्टि हुई। हालांकि इन पेशेंट्स के बारे में अस्पताल प्रशासन का दावा है कि ये सारे बाहर से इस बीमारी को लेकर आए हैं। गोरखपुर में डेंगू का प्रकोप नहीं है। बतातें चलें कि डेंगू बुखार एडिज एजिप्टाई नामक मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में अंडे देता है। यह मच्छर दिन में काटते हैं। हालांकि जल भराव और साफ सफाई के लिए शासन ने भी सभी सीएमओं को फरमान सुनाया है लेकिन तैयारी की हकीकत कुछ और बता रही है।

डेंगू के प्रमुख लक्षण

- संक्रमित मच्छर काटने के 3 से 14 दिन बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

- तेज बुखार जो 3 से 7 दिन तक रह सकता है।

- जी मिचलाना या उल्टी होना

- सिर, आंखों, बदन जोड़ों में दर्द

- शरीर में लाल चक्कते पड़ना

- भूख न लगना

- चिड़चिड़ापन महसूस करना

- ब्लड प्रेशर में गिरावट

- डेंगू की गंभीर स्थिति में आंख या नाक से खून भी निकल सकता है। ये सारे प्रमुख लक्षण और भी वायरल बुखार के हो सकते हैं। इसलिए एक बार डॉक्टर से परामर्श लेकर खून की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए।

डेंगू से बचाव

- घर में और उसके आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें।

- साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें।

- यदि घरों में बर्तन में पानी भर कर रखते हैं तो उसे ढक कर रखें।

- खाली बर्तन को कोशिश को भी ढककर रखें।

- कूलर, गमले का पानी रोज बदलते रहें यदि जरूरत न हो तो कूलर में पानी भर के न रखें।

- ऐसे कपड़े पहने जो शरीर के अधिकतम हिस्से को ढक कर रखें।

- घर में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

- अगर आस-पास में किसी को यह संक्रमण है तो सावधानी बरतें।

- मच्छर से बचने के लिए दरवाजे और खिड़कियों में जाली लगवाएं।

डेंगू से बचने के तरीके

- घर की खिड़की आदि के पास तुलसी के पौधे लगाएं।

- नीम की सूखी पत्तियों और कपूर के धुएं से मच्छर कोने-कोने से निकल कर भाग जाते हैं।

- नीम, तुलसी, गिलोय, पपीते की पत्तियों का रस, ज्वारों का रस, ऑवला व ग्वारपाठे का रस डेंगू से बचाव में बहुत उपयोगी हैं। इनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है तथा डेंगू के वायरस से मुकाबला करने की ताकत आती है।

- बुखार कैसा भी हो इन दिनों यदि जल्दी आराम ना मिले तो डॉक्टर से परामर्श लें।

- विटामिन सी का सेवन करें यह इम्युनिटी को बढ़ाता है और आयरन के अवशोषण में भी मदद करता है।

- नारियल पानी पिएं।

- फलों के रस का अधिक सेवन करें

- शरीर में एलेक्ट्रोलाइट और तरल पदार्थ की कमी ना होने दें।