50 फीसदी एटीएम मार्च 2019 तक बंद होने की खबर से शहरवासियों में चर्चाएं

30 से 35 लाख के आसपास है मेरठ शहर की कुल आबादी

250 से 300 एटीएम हैं शहरभर में सभी बैंकों के

70 से 80 फीसदी तक हैं लोगों की एटीएम पर डिपेंडेंसी

20 से 30 लाख रुपये होती है एक एटीएम की कैश लिमिट

2 से 3 लाख रुपये ही सिक्योरिटी रीजन से डाले जाते हैं एक एटीएम में

15 फीसदी एटीएम अक्सर खराब रहते हैं शहरभर में

20 फीसदी व्यापारियों ने वापस कर दी हैं स्वाइप मशीन

Meerut। नोटबंदी में कैश की दिक्कत के बाद एक बार फिर से लोगों को नए साल में कैश की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। दरअसल, बीते दिनों एटीएम की संस्था कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक नए नोट के अनुरूप एटीएम को अपग्रेड करने में भारी भरकम खर्च आएगा, जिसे वहन करना काफी मुश्किल होगा। इस कारण अगले साल मार्च तक आधे एटीएम बंद करने पड़ सकते हैं। दरअसल, मेरठ शहर में आंकड़ों को मानें तो तकरीबन 60 से 70 फीसदी लोगों की कैश के लिए डिपेंडेंसी एटीएम पर है, लेकिन अगर एटीएम बंद होते हैं तो यकीनन लोगों को फिर से नोटबंदी से हालातों का सामना करना पड़ सकता है।

एटीएम पर ज्यादा डिपेंडेंसी

मेरठ शहर की बात करें तो शहर में एटीएम की संख्या तकरीबन 250 से 300 है। इनमें भी 70 फीसदी लोगों की निर्भरता बढ़ गई है। इस विषय पर व्यापारी विनय गुप्ता का कहना है कि हालांकि नोटबंदी के बाद कुछ दिनों तक तो डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ा लेकिन अब फिर से ग्राहकों की डिपेंडेंसी एटीएम पर बढ़ी है। अब ऐसे में अगर एटीएम बंद होते हैं तो यकीनन नोटबंदी जैसे हालात फिर से देखने को मिल सकते हैं।

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फिर बढ़ेगा

हालांकि, इस बाबत बैंक अधिकारियों का मानना है कि नोटबंदी के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा था, लेकिन उसके बाद फिर इसमें कमी आ गई, लेकिन अगर एटीएम बंद होते हैं तो फिर से लोगों के बीच डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ेगा।

अब चिप वाले मिलेंगे एटीएम

सिंडिकेट बैंक के मैनेजर कृति दुग्गल ने बताया कि एटीएम में साफ्टवेयर अपडेट होने के बाद सभी बैंक नए चिप वाले एटीएम देंगे, जिसकी एटीएम धारकों से कोई फीस नहीं ली जाएगी। दिसंबर के बाद से बिना चिप वाले सभी एटीएम ब्लॉक हो जाएंगे।

एटीएम के बाद भी रुटीन कैश पर कोई प्रभाव नही पड़ा है। बल्कि बैंक में पहले से ज्यादा कैश आने लगा है। वहीं कम कैश जमा करने के लिए बैंकों में मशीनों की व्यवस्था है।

कृति दुग्गल, मैनेजर, सिडिकेंट बैंक

दरअसल, एटीएम को अपडेट करने के लिए ही 50 फीसदी से ज्यादा एटीएम को बंद करने की बात कही जा रही है, इस कारण से एक बार फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ सकता है।

एसबी साह, डिप्टी मैनेजर, एसबीआई

बैंक द्वारा अधिक चार्ज लेने के कारण स्वाइप मशीन के प्रयोग को बंद कराया है। जल्द किसी दूसरे बैंक की स्वाइप मशीन लगाउंगा। ताकि ग्राहकों को दिक्कत न हो।

विशाल शर्मा, व्यापारी

अक्सर, नेटवर्क की समस्या के कारण ट्रांजेक्शन फंस जाता है। इससे कई बार ग्राहकों और दुकानदारों के बीच नोकझोंक की स्थिति बन जाती है। इसलिए भी दिक्कत आती है। एटीएम पर लोगों की निर्भरता बढ़ी है।

शलभ मित्तल, व्यापारी

अब तो ग्राहकों ने ही ऑनलाइन ट्रॉजेक्शन बंद सा कर दिया है। वहीं, कभी कभार कोई ग्राहक ट्रांजेक्शन करता भी है तो बैंक चार्ज वसूलता है। इस कारण भी स्वाइप मशीन वापस कर दी है।

मनीष गुप्ता, व्यापारी