जांच के नाम पर मांग रहे थे तीन लाख रूपये

 

एडवांस के तौर पर दिए गए थे डेढ़ लाख रूपये

 

काफी सालों से सीएमओ ऑफिस में तैनात है डिप्टी सीएमओ डॉ। अशोक निगम

प्लानिंग के तहत हुई कार्रवाई मंगलवार सुबह 10.30 करीब डिप्टी सीएमओ डॉ। अशोक निगम अपने ऑफिस में पहुंचे। इसके बाद मवाना प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में तैनात डॉ। नीरज तोमर भी उनके ऑफिस में आ गए। इसके बाद डॉ। नीरज ने जैसे ही रिश्वत के डेढ़ लाख रूपये डॉ। निगम को दिए। वैसे ही कमरे के बाहर खड़ी विजिलेंस टीम ने डॉ। निगम को डेढ़ लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। इसके साथ विजिलेंस टीम ने ऑफिस में रखी कई फाइलों को भी अपने कब्जे में लेकर सील कर दिया। सिविल लाइन थाने में विजिलेंस टीम को डिप्टी सीएमओ निगम के खिलाफ कागजी कार्रवाई करने में पूरे चार घंटे लगे। गिरफ्तारी के बाद डॉ। अशोक निगम की कई बार तबीयत खराब हो गई। इसके बाद परिजनों ने उसे दवाई लाकर दी।

जांच के नाम पर मांगी रिश्वत

मवाना प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में तैनात डॉ। नीरज तोमर ने कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार को शिकायत दर्ज कराई थी कि सीएमओ ऑफिस में तैनात डिप्टी सीएमओ डॉ। अशोक निगम जांच के नाम पर उनसे तीन लाख रूपये की रिश्वत मांग रहे है।

 

15 दिन पहले की थी जांच

सीएमओ ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि मवाना प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में तैनात दंत रोग विशेषज्ञ डॉ। नीरज तोमर गंगा नगर में प्राइवेट प्रैक्टिस करते है। सीएमओ डॉ। राजकुमार चौधरी ने इस मामले की जांच डिप्टी सीएमओ डॉ। अशोक निगम को दी थी। वह इस मामले की जांच कर रहे थे।

 

शिकायत मिली थी कि डिप्टी सीएमओ डॉ। अशोक निगम अपने विभाग के एक चिकित्सक से जांच के नाम पर तीन लाख की रिश्वत मांग रहे हैं। उसके बाद डॉ। निगम को डेढ़ लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है।

- भगवान सिंह, विजिलेंस इंस्पेक्टर