संभाजन के बाद बढ़ जाएगी बूथों की संख्या

प्रयाग नगरी के मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर हुआ विचार

ALLAHABAD: अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ जाएगी। पिछले चुनाव में 1500 मतदाता के आधार पर जिले के तीनों संसदीय क्षेत्रों में 4326 बूथ चिंहित थे लेकिन नई नियमावली के आधार पर शहरी क्षेत्र में 1400 और ग्रामीण एरिया में 1200 मतदाता को आधार माना जा रहा है। इसके चलते सभी विधानसभाओं में संभाजन के बाद 4894 बूथ चिंहित किए गए हैं। यह जानकारी उप जिला निर्वाचन अधिकारी दया शंकर पांडेय ने रविवार को सर्किट हाउस में दी। वह भारत निर्वाचन आयेाग के उपनिर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा की अध्यक्षता में आयेाजित बैठक में मौजूद थे। इस मौके पर श्री सिन्हा ने निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाता सूची की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया।

मतदान प्रतिशत कम क्यों?

इस मौके पर श्री सिन्हा ने कहा कि सांस्कृतिक नगरी इलाहाबाद में मतदान प्रतिशत का कम होना चिंता का विषय है। उन्होंने मतदाता जागरुकता अभियान नियमित रूप से कराए जाने और बीएलओ की सक्रियता पर भी जोर दिया। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि मतदाता सूचियों का त्रुटिहीन प्रकाशन निर्वाचन के लिए महत्वपूर्ण है। उन्हें बीएलओ के कार्यो का नियमित रूप से अनुश्रवण करना चाहिए। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को बीएलओ के पूरे कार्यप्रणाली को स्कूल प्रबंधन के रूप में लेना चाहिए, जिसे अलग-अलग कक्षाओं में बीएलओ को उसके कार्यो के बारे में बताकर उसकी श्रेणीबद्धता निश्चित कर दे। उचित होगा कि सी कटेगरी वाले बीएलओ को छोटे-छोटे समूहों में बांटकर उन्हें प्रशिक्षित करते हुए दायित्वों के बारे में बताया जाए।

बूथ अवेयरनेस ग्रुप का गठन हो

उन्होंने कहा कि बूथ अवेयरनेस ग्रुप का गठन किया जाना चाहिए। अन्य राज्यों में इसके उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं। इस ग्रुप में प्रत्येक बूथ स्तर के अधिकारी बीएलओ, एएनएम, आंगनबाड़ी, आशा बहू, पंचायत सेक्रेटरी और लेखपाल होंगे। प्रभारी जिलाधिकारी अटल कुमार राय ने कहा कि जिले में आयेाग के निर्देशानुसार मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण हेतु हेतु बीएलओ व अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित एवं दक्ष किए जाने की कार्रवाई की जाएगी और पूरा प्रयास होगा कि निर्वाचक नामावलियों का प्रकाशन समय से हो।