एंबुलेंस से एसआरएन में हृदय रोग विभाग के पास लावारिस छोड़ गए थे दो युवक

हॉस्पिटल कर्मचारियों ने किया एडमिट, नार्मल हुआ तो जिंदगी की जगह मांगने लगा मौत

ALLAHABAD: जब कोई ये कहे कि मुझे जिंदगी नहीं मौत चाहिए। तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता कि उसकी जिंदगी में किस कदर दुश्वारियां भरी हैं। रविवार को जब एसआरएन हास्पिटल में ऐसा मंजर नजर आया तो सभी की आंखें नम हो गई। हास्पिटल में एडमिट सीनियर सिटीजन चीख चीख कर मौत मांग रहा था। कह रहा था कि मै जीना नहीं चाहता। मेरा कोई घर नहीं है। मुझे जहर दे दो। हॉस्पिटल में मौजूद हर शख्स बुजुर्ग की इस मानसिक अवस्था को लेकर द्रवित था।

जमीन पर कराहता मिला

रविवार को दोपहर करीब एक बजे हृदय रोग विभाग के बाहर हॉस्पिटल कर्मचारियों ने एक बुजुर्ग को जमीन पर पड़े कराहते देखा। पता चला कि दो युवक एंबुलेंस से उसे यहां लाए थे और उतारकर चले गए। यह भी पता चला कि किसी नर्सिग होम से उसे यहां लाया गया है। इसके बाद कर्मचारी बुजुर्ग को स्ट्रेचर पर लादकर डॉक्टर के पास ले गए। अर्ध बेहोशी की हालत में थोड़ा सुधार हुआ तो कर्मचारियों ने उसका नाम और पता पूछा। यह सुनते ही बुजुर्ग की आंखों से आंसू निकल पड़े। बोला कि घर हमार कहूं नहीं बा। हमका जहर दइदा, हम मर जाई। हमका मर जाना ठीक है। कर्मचारियों के बहुत कुरेदने पर भी बुजुर्ग ने कुछ नहीं बताया, केवल मौत ही मांगता रहा। अंत में स्वास्थ्य कर्मियों ने बुजुर्ग को ले जाकर इमरजेंसी में भर्ती करा दिया।

एंबुलेंस से छोड़ गए थे युवक

इस बुजुर्ग को दो युवक एंबुलेंस में लेकर आए थे और हृदय रोग विभाग की ओपीडी के बाहर छोड़कर भाग निकले। वह घंटों ओपीडी के बाहर कराहता हुआ पड़ा रहा। हॉस्पिटल के कर्मचारियों की नजर इस पर पड़ी तो उन्होंने आसपास पता किया। लोगों ने जब कर्मचारियों को हकीकत बताई तो वे इसे इलाज के लिए अंदर ले गए।

बुजुर्ग को अस्पताल में छोड़कर भागने वाले युवक कौन थे, इसका जबाव सिर्फ बुजुर्ग के पास ही है। लेकिन वह कुछ बताने को तैयार नहीं है।

आए दिन होता है ऐसा

यह पहला मामला नहीं है जब ऐसा हुआ। आए दिन एसआरएन हॉस्पिटल में लोग मरीजों को ओपीडी या इमरजेंसी के सामने छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे लावारिस मरीजों का हालचाल लेने वाला कोई नहीं होता है। दयावश कोई उन्हें भर्ती करा दे तो अलग बात है। कभी-कभी हॉस्पिटल प्रशासन संज्ञान में लेकर मरीजों को इलाज मुहैया कराता है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने रविवार शाम बुजुर्ग के बारे में लालबत्ती में पता करना चाहा तो स्टाफ ने इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर की।

जनरेशन गैप दे रहा डिप्रेशन

- जेनरेशन गैप बुजुर्गो को डिप्रेशन का शिकार बना रहा है

- बच्चों की तरह देखभाल की होती है जरूरत

अगर आपके घर में बुजुर्ग हैं तो उनके लिए टाइम जरूर निकालें

- उनकी जरूरतों का रखें पूरा ख्याल

- बच्चों को प्रेरित करें कि वह भी बिताएं उनके साथ वक्त

- अपनों का समय न मिलने से जल्द ही घेर लेती है निराशा