- बरेली में बुखार से पीडि़त 6 मरीजों में चिकनगुनिया मिलने की पुष्टि

-350 से ज्यादा मरीजों में लक्षण, स्वास्थ्य विभाग ने छिपाए आंकड़े

- डेंगू, मलेरिया व जेई की जांचों में चिकनगुनिया के नहीं लिए सैंपल

BAREILLY: संक्रामक रोगों पर रोकथाम लगाने और जनता को इनसे अवेयर करने के बजाए स्वास्थ्य विभाग बीमारियों पर ही पर्दा डालने में जुटा है। बरेली में फैले डेंगू पर लापरवाही बरतने पर पहले ही शासन स्तर पर अपनी फजीहत करा चुके स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर जनता को अंधेरे में रखने का काम किया है। जिले में चिकनगुनिया की बढ़ती दहशत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने इस पर अलर्ट जारी न कराकर पर्दा डाला है। वायरल फीवर की आड़ में चिकनगुनिया के सैकड़ों संदिग्ध मरीजों को बिना जांच कराए सामान्य बुखार का इलाज दिया गया। जबकि सरकारी जांच में ही बरेली से 6 मरीजों में चिकनगुनिया कंफर्म पाया गया है।

सैंपल लेने से भी परहेज

बरेली में डेंगू की दहशत के बीच ही चिकनगुनिया ने भी करीब एक महीने पहले ही दस्तक दे दी थी। बरेली के पूर्व सांसद में भी चिकनगुनिया के लक्षण मिलने से हड़कंप मच गया था। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में भी बुखार से पीडि़त 300 से ज्यादा मरीजों में चिकनगुनिया के भी लक्षण मिले। लेकिन वायरल फीवर बताकर मरीजों का एहतियात के तौर पर डेंगू, जेई, मलेरिया व टायफाइड की जांचे तो कराई गई। लेकिन चिकनगुनिया की जांच कराए जाने से दूरी बनाकर देखी गई।

न अलर्ट, न रिपोर्ट जारी

बरेली में स्वास्थ्य विभाग का सारा जोर डेंगू के असर को आंकड़ों और असलियत दोनों में कमजोर करने में ही लगा है। विभाग की ओर से जेई व डेंगू के मरीजों व सैंपल-जांच की रिपोर्ट ही उजागर की जा रही है। लेकिन सीएमओ के इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम, आईडीएसपी की ओर से चिकनगुनिया पर न तो अलर्ट जारी किया गया। न ही इस बीमारी से पीडि़त मरीजों व उनके सैंपल जांच की रिपोर्ट को ही उजागर किया गया। जबकि आईडीएसपी की ओर से 20 अक्टूबर तक लखनऊ भेजे गए 25 सैंपल में से 6 में चिकनगुनिया कंफर्म पाया गया।

108 व मेडिकल स्टाफ पीडि़त

स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले एक हफ्ते के दौरान ही चिकनगुनिया के लक्षण वाले मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। विभाग की ओर से यह भी इसलिए किया जा सका क्योंकि बीमार मरीजों में से कुछ सेहत महकमे से ही जुड़े थे। वहीं सस्पेक्टेड चिकनगुनिया की चपेट में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल बच्चा वार्ड की स्टाफ नर्स संगीता हडसन भी आ गई हैं। नर्स में बीमारी के लक्षण मिलने पर उनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। वहीं बरेली में 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस सर्विस के मैनेजमेंट एग्जिक्यूटिव आतिश पूनिया और प्रोग्राम मैनेजर हेमंत बिष्ट में भी चिकनगुनिया के लक्षण मिलने पर उनका सैंपल जांच को भेजा गया है।

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डेंगू के समान लक्षण

चिकनगुनिया बीमारी के कई लक्षण डेंगू से मिलते जुलते होते हैं। ऐसे में ज्यादातर केसेज में मरीज को डेंगू से पीडि़त ही मान लिया जाता है। चिकनगुनिया बीमारी डेंगू फैलाने के लिए जिम्मेदार फीमेल एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से ही होती है।

- ठंड लगने के साथ तेज बुखार

- सिर व मांसपेशियों में तेज दर्द

- जोड़ों में तेज दर्द व सूजन

- जी मिचलाना

- भूख न लगना

- कमजोरी

- शरीर में लाल चकत्ते होना

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वैक्सीन नहीं, बचाव ही बेस्ट

- चिकनगुनिया से बचने की कोई वैक्सीन मुहैया नहीं है।

- बुखार के लिए पैरासिटामोल व दर्द के लिए पेन किलर दी जाती है।

- मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करना और भरपूर खाना व पानी लेना चाहिए।

- बीमारी के लक्षण मिलने पर खुद से दवा न लें, डॉक्टर को दिखाएं।

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चिकनगुनिया के 25 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जिनमें से 6 में बीमारी कंफर्म पायी गई है। कुछ और सैंपल की रिपोर्ट भी जल्द मिलनी है। जिन मरीजों में लक्षण मिले उनके सैंपल लिए गए। अलर्ट के साथ ही जल्द इस बीमारी की रिपोर्ट भी शेयर की जाएगी। - डॉ। मनोज शुक्ला, एसीएमओ, मीडिया प्रभारी