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मई 2018 को सिविल लाइंस यूको बैंक में हुई थी घटना

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लॉकर तोड़ कर बैंक में रखे करीब दो करोड़ के गहने चुराए थे

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गुर्गे पकड़े गए थे, जिसमें चार थे झारखंड के व दो इलाहाबाद के

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गुर्गो पर 25-25 हजार के हैं इनाम, आज नहीं पकड़ पाई पुलिस

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अक्टूबर 2019 को कैश वैन से एक करोड़ 52 लाख की हुई थी चोरी

-पिछले साल गैंग ने यूको बैंक के लॉकर से चुराए थे करोड़ों रुपए के आभूषण

-गैंग के चार सदस्य आज तक नहीं चढ़ सके पुलिस के हत्थे

PRAYAGRAJ: कैश वैन से तीन अक्टूबर को एक करोड़ 52 लाख रुपए की चोरी के मामले में पुलिस लगातार हाथ-पैर मार रही है। इस कड़ी में पुलिस के शक की सुई झारखंड के गैंग पर टिक गई है। गौरतलब है कि पिछले साल गैंग ने सिविल लाइंस स्थित यूको बैंक में बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। तब से आज तक गैंग के चार गुर्गे पकड़े नहीं जा सके हैं। तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी ने इन बदमाशों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। गैंग के छह सदस्य जेल भेजे जा चुके हैं। पुलिस का मानना है कि तब पकड़ में न आ सके चार शातिर कैश वैन कांड को अंजाम दे सकते हैं।

शुरू हुई गिरोह की खोज

कैश वैन केस की जांच में जुटी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। कई एंगल पर काम करने के बाद भी सफलता नहीं मिली है। ऐसे में अब बैंक चोरी से जुड़ी पुरानी घटनाओं को अंजाम देने वाले गैंग को ट्रैस किया जा रहा है। आसपास के जिलों में हुई घटनाओं से जुडे़ गैंग को भी सर्च किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कैश वैन केस में पुलिस झारखंड के गैंग का हाथ मान रही है।

लगाई थी दीवार में सेंध

पिछले साल दो मई को सिविल लाइंस यूको बैंक में झारखंड की गैंग ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। बैंक के पीछे की दीवार में सेंध लगाकर चोर लॉकर तक पहुंच गए थे। लॉकर में रखे लोगों के गहने समेट कर चोर जनपद छोड़ दिए। करीब दो करोड़ के गहने चोरी हुए थे। जांच में जुटी पुलिस झारखंड के गिरोह तक पहुंची तो घटना खुल गई थी। गैंग के चार सदस्यों को झारखंड से पकड़ा गया था। जबकि दो गुर्गे प्रयागराज के ही थे। पूछताछ के बाद गैंग के सभी छह सदस्य जेल भेज दिए गए थे। उन्हें जमानत मिली यह नहीं, यह क्लियर नहीं हो सका है। प्रकाश में आए चार सदस्य आज तक पकड़े नहीं जा सके हैं। अब पुलिस वाराणसी, कानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी और फतेहपुर में हुई इस तरह की घटनाओं में शामिल गैंग को भी सर्च कर रही है।

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तो काम न आएगी मोबाइल ट्रैकिंग

-पूर्व में घटनाओं को अंजाम देने वाले गैंग को सर्च करने में जुटी पुलिस मोबाइल नंबरों को भी ट्रेस कर रही है।

-तीन अक्टूबर को कैश वैन में इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के पास हुई थी। पुलिस अब स्टेशन के आसपास घटना के वक्त एक्टिव नंबरों को ट्रेस कर रही है।

-विभागीय मुखबिर बताते हैं कि नंबरों से चोरों का पता लगना आसान नहीं दिख रहा। घटना के वक्त वहां करीब एक लाख नंबर एक्टिव दिखा रहे हैं।

-इनमें से संदिग्ध नंबरों की छंटाई की जा रही है। हालांकि यह हथकंडा भी बहुत कारगर साबित नहीं होगा।

वर्जन

अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। केस की जांच चल रही है। अब तक की गई जांच में कुछ खास क्लू नहीं मिले हैं। पड़ताल में अनुमान के आधार पर काम किए जाते हैं। फिलहाल इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बोल सकता।

-आशुतोष मिश्र, एसपी क्राइम