डीजीपी ने वीडियो क्रांफेंसिंग करके जाना मेरठ का हाल

सड़क पर वाहन खड़ा करके पढ़ रहे थे नमाज

एडीजी ने वेस्ट यूपी में जारी किया अलर्ट

रमजान माह में पुलिस को विशेष चेकिंग करने के दिए निर्देश

शांति समिति की बैठक भी रही बेअसर

Meerut। रमजान माह की पूर्व संध्या पर शास्त्री नगर में हुए सांप्रदायिक बवाल से लखनऊ तक में खलबली मच गई। डीजीपी ओपी सिंह ने प्रदेश के सभी एडीजी, एसएसपी व एसपी से वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए विशेष निगरानी रखने से निर्देश दिए। डीजीपी ने एडीजी प्रशांत कुमार से मेरठ के माहौल पर भी जानकारी हासिल की।

पुलिस की रही नाकामी

नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर सेक्टर-तीन में गोल मंदिर के पास मकबरा है। बुधवार रात आठ बजे मुस्लिम लोग तराबी पढ़ने के लिए मकबरे में इकट्ठे हो गए। संख्या बढ़ने पर हिंदू परिवारों ने विरोध जताया। जिससे कुछ युवकों की हाथापाई भी हो गई। हालांकि, पुलिस ने समझाबुझाकर मामला शांत करा दिया।

बाहरी लोग नहीं पढ़ेंगे नमाज

एडीएम सिटी मुकेश चंद्र, एसपी सिटी श्रीप्रकाश द्विवेदी ने दोनों पक्षों के लोगों के साथ देर तब वार्ता की। एडीएम ने बताया कि दोनों पक्षों में सुलह करा दी गई है, मकबरे में बाहरी लोग नमाज नहीं पढ़ेंगे, आसपास के दुकानदार और वाशिंदे पूर्व की भांति नमाज पढ़ते रहेंगे।

अति संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ाई गश्त

एसएसपी राजेश पांडे ने बताया कि रमजान माह को देखते हुए शहर के संवेदनशील व अतिसंवेदशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है। सभी पुलिस चौकियों पर भी दरोगा को बैठने के निर्देश दिए है। इसके साथ शाम को सीओ के साथ इंस्पेक्टर व एसओ को भी विशेष निगरानी करने के लिए कहा गया है। एसएसपी ने बताया कि नौचंदी थाना क्षेत्र में जिसने भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया था। उनको चिह्नित कर लिया गया है। उसकी फोटो व फुटेज भी आ गई है। उसके खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी।

शांति समिति की बैठक बेअसर

बीते बुधवार को रमजान माह में शांति बनाने रखने के लिए पुलिस लाइन में शांति समिति की बैठक हुई थी, जिसमें आलाधिकारियों ने शांति बनाए रखने की अपील की थी। शांति समिति के सदस्यों ने भी पुलिस प्रशासन को आश्वासन दिया था कि शहर का माहौल नहीं बिगड़ने देंगे, बुधवार को देर शाम ही जरा सी बात पर सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। आखिरकार सवाल यही है कि आखिर शांति समिति की बैठकों के बावजूद भी छोटी छोटी बातों पर माहौल कैसे खराब हो जाता है। और पुलिस अनजान बनी रहती है।

शहर में किसी को माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं है अगर किसी को किसी से कोई परेशानी है तो पुलिस में शिकायत कर सकता है।

श्रीधर त्रिपाठी, मुख्य पुजारी, औघड़नाथ मंदिर

रमजान माह से पहले शांति समिति की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें सभी समुदाय के लोगों को शामिल किया गया था। अगर किसी को परेशानी थी तो वह पुलिस में रिपोर्ट करा सकता था। मारपीट का हक किसी को नहीं है।

जैनुर राशिदीन सिद्दकी, शहर नायब काजी

रमजान माह चल रहा है। शहर में पहले भी कई बार जरा जरा से बात पर सांप्रदायिक माहौल बिगड़ चुका है जिसमें कई लोग बिना वजह मारे भी गए है। इसलिए किसी को माहौल खराब करने की इजाजत नहीं है। अगर किसी को किसी विशेष समुदाय से शिकायत है तो वह पुलिस का सहारा ले सकता है।

सुशील गोस्वामी, शांति समिति के सदस्य

मेरठ अमन-ओ-चैन का शहर है। कुछ लोग अक्सर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते रहते हैं। पुलिस-प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई को अमल में लाया जाए।

कारी अफ्फान कासमी, काजी ईदगाह लिसाड़ी

त्योहारों को हंसी-खुशी से मनाना चाहिए। कोई भी नई परंपरा दुखदायी होती है। पुलिस-प्रशासन ऐसी गतिविधियों पर नजर रखे।

महामंडलेश्वर महंत, महेंद्र दास महाराज