-डीजीपी ने 235 सब इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों का तबादला रोकने से किया इनकार

- सब-इंस्पेक्टर रेणु गुप्ता ने उठाया ट्रांसफर का मुददा, डीजीपी बोले विजिलेंस ने दी है रिपोर्ट

RANCHI: जो तबादले हो गए, वो रोके नहीं जा सकते। फ‌र्स्ट फेज में बोकारो, रांची, धनबाद व जमशेदपुर को लिया गया है। अभी और स्थानांतरण-पदस्थापन होना बाकी है। ये बातें डीजीपी डीके पांडेय ने सोमवार को पुलिस एसोसिएशन के कार्यालय में कहीं। जब उनसे पुनर्विचार का हवाला देते हुए 235 सब इंस्पेक्टर के स्थानांरण-पदस्थापन की प्रक्रिया पर रोक समझ लेने का सुझाव दिया गया।

दरअसल, झारखंड पुलिस में सब-इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। एक ओर जहां डीजीपी डीके पांडेय इस स्थानांतरण-पदस्थापन को नियम के अनुकूल बता रहे हैं, वहीं पुलिस एसोसिएशन इस स्थानांतरण-पदस्थापन को नीति के विरुद्ध बता रहा है।

सोमवार को डीजीपी डीके पांडेय पुलिस एसोसिएशन के कार्यालय पहुंचे। कहा कि स्थानांतरण-पदस्थापन पुलिस बोर्ड की हुई मीटिंग में समीक्षा के दौरान किया गया है। यदि इसमें किसी को कोई आपत्ति है, तो वह लिखित आवेदन एसपी के मार्फत मुख्यालय भेज सकता है। उस पर विचार किया जाएगा। इस पर एसोसिएशन के महामंत्री कमलकिशोर ने सवाल उठाया कि लोग एसपी के पास जाकर पत्र तो दे रहे हैं, लेकिन उन्हें फारवर्ड नहीं किया जा रहा है। इस पर डीजीपी ने कहा-नहीं, ऐसी बात नहीं है। किसी पर कोई रोक नहीं है। सभी अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं।

कोर्ट जाने के मूड में पदाधिकारी

इधर, स्थानांतरण-पदस्थापन के विरोध में कनीय पदाधिकारी अब कोर्ट का सहारा लेने का मन बना रहे हैं। उनका कहना है कि स्थानांतरण-पदस्थापन में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई है।

बॉक्स

सर, मेरा तबादला हो गया है

जिस वक्त एसोसिएशन कार्यालय में डीजीपी मौजूद थे, उसी वक्त धनबाद जिले के सरायढेला में पदस्थापित रेणु गुप्ता भी वहां पहुंची। डीजीपी से कहा कि वह महिला बटालियन से लेकर तमाम जगहों पर रह चुकी हैं। हाल ही में उनका स्थानांतरण धनबाद में हुआ था, फिर भी उन्हें गोड्डा भेज दिया गया है। इस पर डीजीपी ने कहा कि तुम पर विजिलेंस की रिपोर्ट है।