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BAREILLY:

पंच दिवसीय दीपावली का पहला दिन धन त्रयोदशी यानि धनतेरस पर क्9 वर्षो बाद पांच शुभ संयोग बन रहे हैं। साथ ही, ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक इस बार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में धनतेरस का होना भी अति शुभ संयोग है। बताया कि धनतेरस बन रहे शुभ संयोग लोगों की आर्थिक शक्ति को बढ़ाएंगे, लेकिन अगर कर्ज लिया गया तो वह कभी अदा नहीं कर पाएंगे। हालांकि, नक्षत्र का स्वामी अर्यमा होने से कर्ज अदा करने से जीवन में कभी भी कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 

यह है ग्रहों की चाल

त्रयोदशी रात क्ख्.09 बजे तक रहेगी। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सुबह म्.क्ख् से आरम्भ होकर अगले दिन सुबह म्.फ्8 बजे तक रहेगा। सूर्य अपनी नीच राशि तुला में दोपहर क्ख्.फ्भ् मिनट में प्रवेश करेगा जो मौसम परिवर्तन का सूचक है। बुध स्वाति नक्षत्र में रात क्ख्.ब्8 बजे व शुक्र हस्त नक्षत्र में रात क्0.भ्9 बजे प्रवेश करेगा। चन्द्रमा अपनी सिंह राशि से दोपहर क्ख्.क्7 बजे के बाद निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन सुबह म्:ख्फ् से रात क्ख्.09 बजे तक सिद्ध योग, शाम को भ्.भ्8 बजे तक ब्रह्मायोग है। इसके बाद ऐंद्रयोग लगेगा जो कि शुभ कार्य के लिए विशेष है।

 

धनतेरस पूजन विधि

पूजन सामग्री में चौकी, पीला रेशम वस्त्र, रोली, मौली, पान, सुपारी, पुष्प, धूप, दीप, चावल, चन्दन, हल्दी, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, नैवेद्य, शुद्ध जल समेत अन्य सामान थाल में रखें। दीर्घायु व आरोग्य जीवन के लिए सुबह शरीर पर तेल लगाकर, स्नान करके भगवान धनवन्तरी का ध्यान व पूजन करें। चौकी पर स्वच्छ वस्त्र बिछाकर भगवान धनवन्तरी का चित्र स्थापित कर रोली, मौली, अक्षत, चन्दन से उनका पूजन आरंभ करें। फिर ऊं रं रुद्र रोगनाशय धनवन्तयै फट्' मंत्र जप करें। धूप, दीप दिखाकर आरती उतारें। इससे साधक को आरोग्य की प्राप्ति होती है।

 

खाली बर्तन न लाएं घर

ज्योतिषाचार्य पं। राजीव शर्मा के मुताबिक बर्तन खरीदकर घर लाएं तो खाली न लाएं। बल्कि उसमें अन्न या धन रखकर लाना चाहिए। धन के रूप में चाहे चांदी का सिक्का हो, बर्तनों को लाकर जल से छींटा लगाकर शुद्ध करें और रोली, मौली, तथा अक्षत से उनका पूजन करें। सोने अथवा चांदी का खरीदा हुआ सिक्का भी लक्ष्मी पूजन के समय पूजा स्थल पर रखें। उसके बाद लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी या धन के स्थान पर रखें। इस दिन स्वयं सिद्ध मुहूर्त होने से वाहन, घर, जमीन या अन्य सामान खरीदना शुभ होता है। धन संबंधी कार्य करना लाभदायक है, लेकिन कर्ज लेना अनुचित माना गया है।

 

यूं करें दीपदान

धनतेरस पर प्रदोष काल में यमराज के निमित्त दीप और नैवेद्य समर्पित करने पर अपमृत्यु, अकाल मौत का नाश होता है। यम दीपदान के लिए मिट्टी का एक बड़ा दीपक लेकर उसको स्वच्छ जल से धोने के बाद उसमें दो रूई की बत्तियां बनाकर तिल के तेल से भर दें। प्रदोष काल में तैयार किया गया दीपक का रोली, अक्षत व पुष्प से पूजन करें। फिर मुख्य दरवाजे के बाहर थोड़ी सी खील या गेहूं से ढेरी बनाकर उसपर दीपक रखें व विधि विधान से मंत्र जप कर पूजन करें।

 

यूं करें कुबेर साधना

धन के देवता कुबेर की पूजा के लिए चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर अक्षत से अष्ट दल का निर्माण कर उसके ऊपर कुबेर जी की मूर्ति, चित्र स्थापित कर एक सुपारी पर मौली लपेटकर उन्हें गणेश के रूप में, गणेशाम्बिका समेत विधिवत पूजन करें। फिर मां लक्ष्मी व कुबेर के मंत्र का जाप करें।

 

मां लक्ष्मी का मन्त्र

'ऊं श्रीं हीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:'

कुबेर का मन्त्र-

'ऊं श्रीं ऊँ हृीं श्रीं हृीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:'

 

ध्यान रखें

- जरूरत वाली वस्तुओं पर ही धन खर्च करें

- धन उधार नहीं दें और न ही धन उधार लें

- दोपहर में धातु व सोने चांदी के आभूषण खरीदें

- धनत्रयोदशी पर शाम को दीपक जलाकर प्रकाश करें


मुहुर्त

धनवन्तरि पूजा - ब्रह्मा योग में सुबह 9.क्0 से क्क्.फ्0 बजे तक

बर्तन एवं आभूषण का क्रय - सुबह क्क्.फ्0 से दोपहर क्.ब्भ् बजे तक

यमदीप दान - ऐन्द्रयोग में शाम भ्.फ्0 से 7 बजे घर के बाहर दीपदान निशामुख में

कुबेर पूजन - ऐन्द्रयोग में शाम 7.फ्0 से रात 9.0भ् बजे तक

रात क्0.ख्0 से क्क्.ब्भ् बजे तक शुभ मुहूर्त में

 

धनतेरस के पांच योग

- चंद्रमा-मंगल की कन्या राशि में युति रहने पर लक्ष्मी योग

- सूर्य और बुध का इसी राशि में रहने से बुधादित्य योग

- रात में सूर्य राशि परिवर्तन करने से तुला संक्रांति योग

- इस दिन सूर्योदय से सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग

- शाम को ब्रह्मायोग समेत ऐन्द्रयोग का अद्भुत संयोग