लोग दीपावली को एक दिन का त्योहार मानते हैं पर शास्त्रों की मान्यता पर पांच दिन तक घर में दीप जलाना शुभ है। यह प्रकाश धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा व भाई दूज में किया जाना चाहिए। इसका ज्योतिषीय कारण यह है कि सूर्य अपनी नीच राशि तुला राशि में होता है, चंद्रमा तुला राशि में स्थित होता है। सिंह लग्न होती है तब लक्ष्मी का आगमन होता है। तंत्र मंत्र व सिद्धि भी महानिशीथ काल में होती है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा का कारक है और चंद्रमा पूरी तरह से या पूर्ण रूप से सूर्य के समीप होता है। ऐसी स्थित में पांच दिनों तक मन और आत्मा पूरी तरह से किसी कार्य को करने में निर्णायक स्थित में होते हैं। यह कालखण्ड वर्ष भर में 5 दिनों के लिए विशेषतौर पर मिलता है। इसलिए पांच दिनों तक दीपावली मनाना फलदायी रहता है।
धनत्रयोदशी
शास्त्रों में मान्यता है कि धनतेरस को धन्वन्तरी जयंती के रूप में मनाया जाता है।इस दिन कुबेर का पूजन किया जाता है। धनतेरस में तेल और बाती के दीपकों के जरिए घर से नकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह से खत्म की जाती है।
नरक चतुर्दशी
नरक चतुर्दशी को भगवान कृष्ण ने मामा के द्वारा भेजे गए दैत्य नरकासुर का वध किया था। यही वजह है कि इस दिन घर की प्रमुख नाली के नाम या उसके समीप दीपक जला कर मन के मैल को दूर करने का संकल्प करते हैं।
दीपावली
दीपावली की रात्री लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन मां महाकाली और गणेश-लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कुबेर, बही खाता, कंप्यूटर और घर की दहलीज का पूजन करने से अर्जित किया हुआ धन सुरक्षित रहता है।
गोवर्धन पूजन
गोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव व राजा बलि का पूजन पंच दिवसीय त्योहार के चौथे दिन किया जाता है। मान्यता है कि द्वापर युग में अधिक वर्षा होने की वजह से प्रभु कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र का घमण्ड दूर किया था।
यमद्वितिया
पंचम दिवस भाई दूज को कहा जाता है। इसे यमद्वितिया भी कहा जाता है। यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर आए थे। भोजन करने के बाद उन्होंने यह वरदान दिया था कि भाई दूज पर जो भाई अपनी बहन के घर जा कर भोजन करेगा उसकी आकास्मिक मृत्यु नहीं होगी। राशि के अनुसार जानें कितने दीपक जलाएं।
मेष- 4 दीपक
वृष- 7 दीपक
मिथुन- 11 दीपक
कर्क- 5 दीपक
सिंह- 9 दीपक
कन्या- 11 दीपक
तुला- 6 दीपक
वृश्चिक- 5 दीपक
धनु- 91 दीपक
मकर- 11 दीपक
कुंभ- 7 दीपक
मीन- 15 दीपक
-पंडित दीपक पांडेय