यदि इस धनतेरस से आप धन एकत्र करना शुरू करते हैं तो जिनका अपना घर नहीं है वहा आगामी वर्ष तक अपना घर बना सकते हैं। दरअसल शुक्रवार को पड़े धनतेरस पर मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा-अर्चना करने से धन धान्य एवं संपदा की प्राप्ति होती है।  

 

यमराज को करें दीपदान  

इस दिन यमराज का भी पूजन किया जाता है। पूरे वर्ष में एक मात्र यही दिन है जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। यह पूजा दिन में नहीं रात्रि में की जाती है। इस दिन यम को समर्पित एक दीपक जलाना चाहिए। आटे का दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार पर रखना चाहिए और यम की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में अकाल मृत्यु नहीं होती है।  

 

महिलाएं करें दीपक की पूजा  

धनतेरस पर मिट्टी का दिया जला कर रात्रि को घर में पूजन करें। सरसों का तेल डालकर चार बत्तियां बनाएं। एक कौड़ी में छेद करके दीपक जलाएं। जल का छींट देकर रोली, मौली, चावल, चार सुपाड़ी, गुड़, फल, फूल, दक्षिणा, धूप आदि से पूजन करें। चार परिक्रमा करने के बाद दिया उठाकर अपने घर के मुख्य द्वार पर रख लें। सुबह दिए में से कौड़ी निकाल कर धनकक्ष में रख लें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान धनवन्तरी वर्ष भर धन में कमी नहीं होने देंगे। 

Dhanteras 2019: धन्वन्तरि जयंती के रूप में मनाते हैं आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वन्तरि का जन्मदिन

 

धनतेरस पर जन्मे थे भगवान धनवन्तरी  

धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह पर्व महत्वपूर्ण है। दरअसल धनतेरस को ही आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के जन्मदाता धन्वन्तरी वैद्य समुंद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस को धन्वन्तरी जयंती भी कहा जाता है। इस दिन वैद्य, हकीम और ब्रह्मण संप्रदाय धन्वन्तरी भगवान का पूजन कर धन्वन्तरी जयंती मनाई जाती है।  

 

-पंडित दीपक पांडेय

Dhanteras 2019: इस दिन अवश्य करें दीपदान, यमुना स्नान का भी है विशेष महत्व