- धनतेरस पर खुलेगा स्वर्णमयी माता का दरबार

- चार दिन सुबह से शाम माता रानी बांटेंगी उपहार

VARANASI

श्री काशी विश्वनाथ को भी अन्नदान देने वाली अन्नपूर्णेश्वरी धनतेरस से लेकर चार दिन सुबह से शाम तक भक्तों में अन्न-धन का खजाना बांटेंगी। दुखों के बादल छांटेंगी और दारिद्रय की रेखाओं को आशीषों से काटेंगी।

अन्नदात्री मां की ममतामय छवि सहेजे ठोस स्वर्ण प्रतिमा कमलासन पर विराजमान और रजत शिल्प में ढले भगवान शिव की झोली में अन्नदान की मुद्रा में। दायीं ओर मां लक्ष्मी और बायीं तरफ भूदेवी का स्वर्ण विग्रह है। इस अनूठे और अलौकिक दरबार के दर्शन वर्ष में सिर्फ चार दिन धनतेरस से अन्नकूट तक ही होते हैं। इसमें पहले दिन धान का लावा, बताशा के साथ मां का खजाना (सिक्का) वितरण की पुरानी परंपरा है। इसमें काशी ही नहीं, अन्य जिलों व देशों से भी आस्थावानों का रेला उमड़ता है। अन्य दिनों में मंदिर गर्भगृह में स्थापित सामान्य प्रतिमा की दैनिक पूजा होती है।

सुबह से रात तक दर्शन

इस बार 25 अक्टूबर को सुबह पांच से रात 11 बजे तक भक्त स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा का दर्शन व अन्न-धन का खजाना पाएंगे। इस बीच भोग आरती के लिए दोपहर 12 से 12.30 बजे तक पट बंद होंगे। विशिष्टजन शाम पांच से सात बजे तक स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा 26, 27 व 28 को सुबह चार से रात 11 बजे तक दर्शन किया जा सकेगा।

सज गया माता का दरबार

धनतेरस पर माता के दर्शन के लिए गुरुवार शाम को ही कतार लग गई। इससे पहले चार दिनी दर्शन-पूजन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई। अस्थायी सीढि़यां लगाने के साथ ही परिसर विद्युत झालरों से सजा दिया गया। श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा के लिहाज से वाटर ब्वाय, डाक्टर दल व कैमरे लगाए गए हैं। दिव्यांग जन व बुजुर्गो के लिए सहायक तैनात किए गए हैं। महंत रामेश्वर पुरी ने अफसरों के साथ तैयारियों की समीक्षा भी की।

हनुमान जयंती दीपावली के दिन

संकट मोचन मंदिर में इस साल हनुमान जयंती दीपावली के दिन 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हर साल हनुमान जयंती कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर नरक चतुर्दशी के साथ मनाई जाती है। महंत प्रो। विश्वंभरनाथ मिश्र के अनुसार हनुमान जयंती के लिए उदया तिथि का मान आवश्यक है। दीपावली की सुबह ही यह तिथि मिल रही है, इसलिए संकट मोचन मंदिर में हनुमान जयंती इस साल दीपावली के दिन मनाई जाएगी।