-सभी तैयारी पूरी कर प्रशासन अब ध्वस्तीकरण को तैयार

-व्यापारियों में मचा हड़कंप, खाली कर दीं सभी दुकानें

-दुकानें बंद कर व्यापारियों ने शुरू किया बेमियादी धरना

-शास्त्रीनगर, जागृति विहार समेत कई बाजार रहे शटर डाउन

- व्यापारियों ने कहा, ध्वस्तीकरण हुआ तो व्यापारियों के खून से लाल हो जाएगी सड़क

Meerut: महानगर की सेकेंड आबूलेन कही जाने वाली सेंट्रल मार्केट पर अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई किसी भी समय हो सकती है। हाई कोर्ट के निर्देशों पर प्रशासन ने अपनी ओर से सारी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। वहीं दूसरी ओर किसी भी समय ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की सूचना से मार्केट के व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। आवास-विकास के नोटिस पर व्यापारी अपनी दुकानें खाली कर बेमियादी धरने पर बैठ गए हैं।

सेंट्रल मार्केट कल आज और कल

हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक शास्त्रीनगर का म्म्क्/म् पर बसा मार्केट आवासीय जगह पर बसा हुआ है। जबकि कांप्लेक्स और सभी दुकानें कमर्शियल निर्माण की श्रेणी में आते हैं।

ऐसे हुआ निर्माण

-क्98म् में काजीपुर निवासी वीर सिंह ने आवास विकास से ब्ब्म् वर्ग मीटर का प्लॉट खरीदा।

- क्989 में आवास-विकास ने वीर सिंह को जमीन पर कब्जा दिया।

-क्990 में वीर सिंह ने जमीन पर दर्जन भर दुकानें बना डाली।

-क्990 से क्998 तक वीर सिंह ने सारी दुकानें बेच डाली, व कुछ जगह की पावर ऑफ अटार्नी की।

-क्999 तक प्लॉट व दुकानों से वीर सिंह का स्वामित्व हुआ खत्म।

- क्999 से ख्00ख् तक कुछ व्यापारियों ने पॉवर ऑफ अटार्नी का इस्तेमाल कर दूसरे व्यापारियों को जगह बेच डाली।

-ख्00ख् के बाद व्यापारियों ने अपनी दुकानों का प्रारूप बदल डाला व कईयों ने अन्य दुकानों का निर्माण कर लिया।

ख्0क्ब्- आज उन्हीं दुकानों से बने एक कांप्लेक्स ने सेंट्रल मार्केट की शक्ल ले ली है।

आवासीय/कमर्शियल विवाद

क्98म् में सेंट्रल मार्केट की नींव पड़ने के बाद पूरे मार्केट का निर्माण कुछ इस तरह से हुआ कि विशेषज्ञ भी मात खा जाएं। दरअसल, आवास-विकास की ओर से वीर सिंह को आवासीय भूखंड आवंटित किया गया था, लेकिन उसने आवासीय भूखंड पर कमर्शियल निर्माण कर एक दर्जन दुकानें खड़ी कर दी। इसके बाद जब वीर सिंह ने उन दुकानों को व्यापारियों को बेचा तो उसकी रजिस्ट्री कमर्शियल में की गई। व्यापारियों ने भी अपना कुछ फायदा देखते हुए खुशी-खुशी रजिस्ट्री करा ली।

सरकारी विभाग भी बने मददगार

रजिस्ट्री के बाद व्यापारियों ने अपने कागजों के बल पर बिजली व नगर निगम से कनेक्शन व टैक्स आदि भी कमर्शियल यूज के करा लिए, जिसके बाद मार्केट एक के बाद एक बढ़ता गया और आज उसी जगह व्यापारियों के बेशकीमती प्रतिष्ठान खड़े हो गए। इस बीच चौंकाने वाली यह है कि व्यापारियों ने जहां सरकारी प्रक्रिया के नाम पर पूरी ईमानदारी बरती वहीं मार्केट से जुडे़ सरकारी विभाग भी इसमें कुछ कम दोषी नहीं हैं।

कपड़ों का होता है कारोबार

सेंट्रल मार्केट के नाम से मशहूर यह मार्केट असल में कपड़े के बाजार के नाम से मशहूर है। इस सेंट्रल मार्केट में छोटी-बड़ी लगभग फ्00 दुकानें हैं, जिनमें से ख्00 दुकानें केवल कपड़े की ही हैं।

तो धूल में उड़ जाएगा एक अरब का मार्केट

व्यापारी नेताओं ने बताया कि लगभग एक अरब की कीमत वाला इस मार्केट में रोजाना दस से बीस लाख की सेल होती है। जबकि हर माह चार से पांच करोड़ रुपए की सेल होती है।

टारगेट एरिया

हापुड स्टैंड से नौचंदी, शास्त्रीनगर, जागृति विहार, हापुड रोड, एल ब्लॉक, नई सड़क, आरटीओ, यूनिवर्सिटी रोड, मंगल पांडे नगर, गड़ रोड व अजंता कॉलोनी।

ये हैं प्रतिष्ठान

अलंकार साड़ीज

खालसा गारमेंट्स

प्लेनेट-एफ

डॉ। संजय गोयल

मेडिकल स्टोर

ड्रीम ट्रिप फॉर यू

सरदार जी प्रिंटर्स

टॉम एन जेरी

सुपर स्नो ड्राइक्लीन्स

पब्लिक गारमेंट्स

मादान फुटवीयर

साहिल गारमेंट्स

दर्शिता बुटीक

नेहा फैशन

जीन्स पैराडाइज

आशू ज्वेलर्स

पंकज गिफ्ट्स

शेट्ठी गिफ्ट्स

क्या कहते हैं व्यापारी

सेंट्रल मार्केट का यह हिस्सा कमर्शियल यूज के लिए ही बनाया गया है। आवास-विकास के मानचित्र के मुताबिक भी इस जगह एक धार्मिक स्थल पर पार्क छोड़ा गया है।

अजय जैन, पब्लिक कलेक्शन

सुप्रीम कोर्ट ने हमारे दो व्यापारियों को राहत प्रदान की है। इसका मतलब है कि बाकी दुकानों पर भी स्टे मिल सकता है। प्रशासन से सुप्रीम कोर्ट खुलने तक का समय मांगा गया है।

रजत अरोरा, व्यापारी

हमें अपनी कार्रवाई पूर्ण करने के लिए प्रशासन स्तर से समय दिया जाना चाहिए। सभी अफसरों को मिलकर समस्या बता दी गई है। इसके बावजूद यदि उनको मोहलत नहीं दी जाती तो सड़कों पर उतरा जाएगा।

विनोद अरोरा, महामंत्री, व्यापार संघ

हाईकोर्ट ने एक पक्षीय कार्रवाई कर उन पर अपना निर्णय थोप दिया है। अब हमें भी अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के खुलते ही हमें राहत मिल जाएगी। व्यवस्थाओं पर प्रहार है।

शिखर वाधवा, व्यापारी

मार्केट हमारे परिवार की अन्न दाता है। इसको किसी भी कीमत पर नहीं गिरने दिया जाएगा। अगर प्रशासन को कोर्ट के आदेश का अनुपालन करना है तो उसको बुल्डोजर हमारी लाश के ऊपर से ले जाना होगा।

महिपाल सिंह, कोषाध्यक्ष व्यापार संघ

हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। कोर्ट व्यापारियों का पक्ष जानें बिना कोई निर्णय नहीं सुना सकती। अगर ऐसा हुआ तो व्यापारी टकराव की मुद्रा में आ जाएंगे।

किशोर वाधवा, अध्यक्ष व्यापार संघ

क्या हैं प्रशासनिक तैयारियां

हाईकोर्ट के आदेश का अनुपाल किया जाएगा। फ्क् दिसंबर तक किसी भी सूरत में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होनी है। आवास-विकास स्तर पर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। डीएम के निर्देश होते ही कार्रवाई कर दी जाएगी।

उमेश मित्थल, एसई आवास-विकास

सवाल सौ परिवारों की रोटी का

व्यापारियों का कहना है कि कांप्लेक्स में बीस दुकानें हैं, जिनमें कम से कम सौ वर्कर काम करते हैं। मार्केट का यदि ध्वस्तीकरण होता है तो सबसे बड़ा मुसीबत का पहाड़ दुकानों पर काम करने वाले इन वर्करों पर टूटेगा। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के साथ सौ परिवार न केवल सड़क पर आ जाएंगे, बल्कि उनके भूखे मरने तक की नौबत आ जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट बनाम हाई कोर्ट

लंबे समय से विचाराधीन चल रहे मामले में हाईकोर्ट ने नौ दिसंबर को अपना निर्णय सुनाते हुए मार्केट को ध्वस्त करने के आदेश दिए। कोर्ट का आदेश आते ही मार्केट के व्यापारियों में हड़कंप मच गया, जिसके चलते दो व्यापारी संदीप सिंह व बाड़जात्या ने कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उनको राहत प्रदान करने हुए स्टे दे दिया।

धरने पर बैठे व्यापारी

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होने से खौफ खाए व्यापारियों ने बुधवार को जागृति विहार, शास्त्रीनगर व नई सड़क का पूरा मार्केट बंद रखा। इस बीच व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर धरना प्रदर्शन किया। व्यापारियों का कहना है कि यदि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई तो यहां की सड़के व्यापारियों के खून से लाल हो जाएंगी।

भाजपा नेता भी एकजुट

व्यापारियों के साथ भाजपा नेताओं ने भी प्रशासन के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है। धरने को संबोधित कर रहे सांसद राजेन्द्र अग्रवाल व विधायक रविन्द्र भड़ाना ने ध्वस्तीकरण होने पर प्रशासन से टकरा जाने की चेतावनी दी। इस मौके पर संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता, विजेन्द्र अग्रवाल, संजीव रेवड़ी, किशोर वाधवा व विनोद अरोरा आदि व्यापारी नेता मौजूद रहे।