नवाज शरीफ और मोदी की मुलाकात के खिलाफ थे राहील

कहा जा रहा है कि पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बारे में पाकिस्तानी सेना प्रमुख के राहील शरीफ को पहले से सारी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साधे रखी। उनके इस रवैये की वजह हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के जन्मदिन पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात बतायी जा रही है। भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि चूंकि पाकिस्तानी सेना वहां के प्रधानमंत्री के शांति वार्ता के प्रयासों से पूरी तरह सहमत नहीं है इसलिए उन्होंने इस मामले की जानकारी होने पर भी खामोशी इख्तियार कर ली।

भारत ने हमले के बारे में जानकारी साझा की थी

हालाकि हाल ही में हुई एक बैठक में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने नवाज को कहा था कि वह बेशक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन पाकिस्तानी सेना देश में मौजूद आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इसके बावजूद पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी आतंकियों के इसमें शामिल होने के सबूत दे दिए थे। यह पूरी प्रक्रिया गुपचुप ढंग से की गई। इसका खुलासा तब हुआ जब सोमवार देर रात पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी किया।

दुख में शामिल होने की बात की

इसके बाद पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा भी था वे हमले में शहीद लोगों के परिजन का दुख समझ सकते हैं। पाकिस्तान खुद भी आतंकवाद का बड़ा पीड़ित है। हालांकि बयान में भारत द्वारा दिए गए सबूतों का खुलासा नहीं किया गया था, लेकिन दोनों देशों के बीच चर्चा की प्रक्रिया जारी रखने के प्रति वचनबद्ध प्रकट की गई थी। लेकिन इस जानकारी के सामने आने के बाद अब कई बड़े सवाल उठ खड़े हुए हैं। पहले भ्ज्ञी ऐसी खबरें आती रही हैं कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों को प्रशिक्षण देती रही है।

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