पिछले 20 दिनों की अगर बात करें तो इस दौरान डीजल के दामों में यह दूसरी बार इजाफ़ा हुआ है. नये तेल मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यूपीए सरकार द्वारा शुरु की गयी सुधारवादी नीतिओं को जारी रखते हुये राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनियों के साथ कई दौर की बैठकें की जिसके बाद तेल के दामों यह वृद्धि की गयी है. इस बृद्धि में राज्य शुल्क को शामिल नही किया गया है.

तेल कंपनियों ने घोषणा की है कि यह बढोतरी आज मध्य रात्रि से लागू हो जाएगी. यह बढोतरी राज्य बिक्री कर या वैट को छोड कर है जिससे डीजल का वास्तविक मूल्य अधिक हो जाएगा.

दाम में बढोतरी से भाजपा सरकार के प्रयासों की झलक मिल रही है कि इनके और कांग्रेस की नीतिओं में ज्याद अंतर नही है. जनवरी 2013 में यूपीए सरकार ने हर महीने डीजल के दामों में मामूली 50 पैसे की बढोतरी करने का निर्णय लिया था. कहा गया था कि जब तक कि देश में डीजल पर सब्सिडी समाप्त न हो जाए तब तक हर महीने मामुली बढोतरी देखने को मिलती रहेगी.

शुल्क बढने के साथ ही उत्तर प्रदेश में 62.2 रूपये प्रति लीटर, दिल्ली में डीजल का दाम 57.28 प्रति लीटर हो जाएगा जबकि मुंबई में इसकी कीमत 65.84 प्रति लीटर हो जाएगी. इससे पहले 13 मई को डीजल के दामों में बढोतरी की गयी थी.

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