कॉलेजों में भरे जा रहे है यूजी व पीजी लेवल के फार्म

परीक्षा फार्म भरने के लिए रविवार को थी लास्ट डेट

Meerut। सीसीएस यूनिवर्सिटी व संबद्ध कॉलेजों में यूजी वी पीजी रेगुलर व प्राइवेट के परीक्षा फार्म भरने की सनडे को लास्ट डेट थी। ऐसे में सुबह से लेकर रात तक स्टूडेंट परीक्षा फार्म भरते रहे। समस्या को देखते हुए ही यूनिवर्सिटी ने रविवार में भी स्टूडेंट की हेल्प के लिए फार्म भरे व हेल्प सेंटर भी खोला। वहीं समस्याएं भी बढ़ती दिख रही थी। आखिरी दिन के कारण फॉर्म भरने के लिए खासी मारामारी थी।

आ रही है समस्याएं

रविवार को शाम चार बजे तक साढ़े चार लाख करीब फार्म भरे गए, पूरे दिन साइबर कैफे में स्टूडेंट की भीड़ रही। कहीं स्टूडेंट के पेपर कोड खुलने में दिक्कत आ रही थी, तो कहीं पर सेंटर कोड पूरा नहीं था। वहीं किसी के फार्म में नाम अधूरा था। इस तरह की कमियां लास्ट डेट पर भी बनी रही, स्टूडेंट्स को यहीं टेंशन रही कि उनके फार्म रिजेक्ट न हो जाए।

कैसे खुले फॉर्म

फार्म में आ रही दिक्कतों के पीछे यूनिवर्सिटी का रिजल्ट भी जिम्मेदार है। कैम्पस में जिन्होंने अपने रिजल्ट दिखाए है, इन सभी स्टूडेंट के फार्म नहीं खुल रहे है, स्टूडेंट द्वारा उपलब्ध रिजल्ट में यूनिवर्सिटी की ओर से कहीं पास फेल का उल्लेख नहीं हो रहा है। इंटरनेट की मार्कशीट में ये कॉलम पूरी तरह से खाली है। वहीं कुछ की मार्कशीट में रिजल्ट आगे का कोड दर्ज नहीं है, कुछ के बैक रिजल्ट का अपडेट तक नहीं हुआ है। चूंकि रिजल्ट कॉलम ब्लॉक है ऐसे में सॉफ्टवेयर ऐसे स्टूडेंट के डेटा को रीड नहीं कर रहा है। ऐसे में बनाए गए हेल्प काउंटर पहुंचकर स्टूडेंट को रिजल्ट खुलवाने पड़ रहे है। समस्या की एप्लीकेशन देकर सॉल्व करानी पड़ रही है।

मेरे रिजल्ट में कॉलेज कोड नहीं आ रहा है, मैंने इस बारे में यूनिवर्सिटी को एप्लीकेशन दी थी, लेकिन हर रोज बुलाया जा रहा है कल का कहकर वापस लौटा दिया जाता है।

निशा

बैक का अपडेट नहीं हुआ है, इस चक्कर में मेरा ओल्ड ईयर रिजल्ट का कॉलम नही खुल रहा है, पहले रिजल्ट ठीक कराना होगा फिर जाकर ये खुलेगा।

साजमा

मेरे फार्म में सब्जेक्ट कोड नहीं खुल रहा है। जिस पेपर को मुझे देना है वो तो आना चाहिए, लेकिन नहीं आ रहा है। अब यूनिवर्सिटी में जाकर ही ठीक करवाना होगा।

सोनिया

अधिकतर समस्याओं को हल कर दिया गया है। इसलिए भीड़ भी कम हो गई है, लेकिन फिर भी नियम के तहत अगर किसी को दिक्कतें आ रही है तो उन छोटी मोटी समस्याओं को सॉल्व किया जा रहा है, ताकि किसी का भविष्य खराब न हो।

डॉ। अश्वनी कुमार, परीक्षा नियंत्रक