-क्राइम मीटिंग में शामिल हुए डीआईजी, जारी की गाइड लाइन

-जिले के थानेदारों से पूछा, कैसी होनी चाहिए सीएम सिटी की पुलिसिंग

GORAKHPUR: जिले की क्राइम मीटिंग में रविवार को डीआईजी राजेश मोदक भी शामिल हुए। एसएसपी सहित अन्य सभी अधिकारियों ने उनका वेलकम किया। थानेदारों से रूबरू होते हुए सीएम सिटी में बेस्ट पुलिसिंग के लिए डीआईजी ने सभी का फीडबैक लिया। एसएचओ और एसओ की राय जानने के बाद उन्होंने बेहतर पुलिसिंग के टिप्स दिए। मीटिंग में एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता, एसपी सिटी डॉ। कौस्तुभ सहित सभी एसपी, सीओ और थानेदार माैजूद रहे।

प्रिवेंशन, डिटेक्शन और इनविस्टीगेशन पर करें काम

क्राइम मीटिंग में मौजूद सभी थानेदारों से डीआईजी ने बात की। उनके काम करने का तौर तरीका जाना। इस दौरान सीएम सिटी में पुलिसिंग को बेस्ट बनाने के लिए इंस्पेक्टर और दरोगाओं की राय मांगी। सभी थानेदारों ने अपनी बात रखी। इस दौरान लोगों ने बताया कि सीएम सिटी में अच्छा व्यवहार, ईमानदारी, टीम भावना से कार्य किया जाना चाहिए। सबकी बात सुनने के बाद डीआईजी ने बताया कि पुलिस को पूरी तरह से तीन चीजों पर फोकस रहना होगा। इसमें पहली चीज क्राइम प्रिवेंशन है। यदि क्राइम हो गया है तो प्रापर डिटेक्शन और तीसर अहम बात है कि फेयर इनवेस्टिगेशन होनी चाहिए। इसके अलावा कोर्ट में मुकदमों की पैरवी कराकर अभियुक्तों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई जाए। चौराहों पर अतिक्रमण हटाने और ट्रैफिक पुलिस के साथ व्यवस्था में सहयोग करने का निर्देश भी डीआईजी ने दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की विजिविलिटी भी नजर आनी चाहिए। कुछ थानेदारों की कार्यशैली और उनके व्यवहार पर एसएसपी ने नाराजगी जताई।