कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। दिलीप कुमार एक बेहतरीन एक्टर तो थे, साथ ही उनका डाॅयलाग बोलने का जो अंदाज था। वह काबिलेतारीफ था, मुगले आजम से लेकर नया दौर और देवदास तक, हर फिल्म में वह जिस अंदाज में डाॅयलाग डिलीवरी करते थे, वो लाइनें आज अमर हो गई। आइए देखें दिलीप साब के 10 बेस्ट डायॅलाग कौन-कौन से हैं।

1. कौन कमबख्त है जो बर्दाश्त करने के लिए पीता है, मैं तो पीता हूं कि बस सांस ले सकूं - देवदास

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

2. जब अमीर का दिल खराब होता हैं ना, तो गरीब का दिमाग खराब होता हैं। - नया दौर

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

3. जो लोग सच्चाई की तरफदारी की कसम खाते हैं। जिन्दगी उनके बड़े कठिन इम्तिहान लेती है। - शक्ति

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

4. पैदा हुए बच्चे पर जायज़ नाजायज़ की छाप नहीं होती, औलाद सिर्फ औलाद होती है। - किला

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

5. मोहब्बत जो डरती है वो मोहब्बत नहीं..अय्याशी है गुनाह है। - मुगल-ए-आजम

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

6. हक़ हमेशा सर झुकाके नहीं, सर उठाके माँगा जाता है। - सौदागर

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

7. कुल्हाड़ी में लकड़ी का दस्ता ना होता, तो लकड़ी के काटने का रास्ता ना होता। - क्रांति

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

8. बड़ा आदमी अगर बनना हो तो छोटी हरकतें मत करना। - विधाता

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

9. जब पेट की रोटी और जेब का पैसा छिन जाता है ना, तो कोई समझ वमझ नहीं रह जाती है आदमी के पास - नया दौर

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

10. मैं किसी से नहीं डरता, मैं जिंदगी से नहीं डरता, मौत से नहीं डरता, अंधेरों से नहीं डरता, डरता हूं तो सिर्फ खूबसूरती से। - संगदिल

फोटो: साभार आईनेक्स्ट लाइव

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk