-डीआईओएस ने जारी किया जिलेभर के परीक्षा केंद्रों के लिए अलर्ट

-गोरखपुर के परीक्षा केंद्र समेत प्रिंटिंग प्रेस पर पैनी नजर, संदिग्ध प्रिंटिंग प्रेस की बनी अलग से लिस्ट, पुलिस की मदद से होगी छापेमारी

GORAKHPUR: जौनपुर में करीब दो हजार जाली उत्तर पुस्तिकाओं की छपाई का मामला सामने आने के बाद गोरखपुर में हड़कंप मच गया है। इसको देखते हुए गोरखपुर डीआईओएस ने जिले के सभी प्रिंटिंग प्रेस पर निगरानी रखने के साथ-साथ प्रकाशकों पर भी निगरानी के लिए टीम का गठन कर दिया है। साथ ही निर्देश दिया है कि परीक्षा में नकल कराने का ठेका लेने वाले माफिया को चिह्नित कर ध्वस्त कर दिया जाए।

248 केंद्र व्यवस्थापक को िदया निर्देश

छह फरवरी से शुरू होने जा रही यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए योगी सरकार पूरी तरह से सख्त है। लेकिन जौनपुर में जाली उत्तर पुस्तिकाओं के खेप पकड़े जाने पर गोरखपुर के डीआईओएस के होश उड़ गए हैं। डीआईओएस ने इस घटना के बाद से सभी 248 परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापकों को चेतावनी दे दी है कि नकल का मामला सामने आने पर तत्काल परीक्षा केंद्र को रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही साथ केंद्र व्यवस्थापक के ऊपर एफआईआर भी होगी।

डीआईओएस ने बताया कि जौनपुर की घटना के बाद से गोरखपुर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस की मदद से हमारी टीम जनपद के सभी प्रिंटिंग प्रेस पर पूरी नजर रखेगी। साथ ही उन प्रिंटिंग प्रेस की अलग से लिस्ट बनाई जा रही है जो संदिग्ध हैं। इस सूची को पुलिस विभाग और एसटीएफ को भी सौंपा जाएगा। पुलिस के साथ-साथ शिक्षा विभाग की टीम पर नजर रखेगी।

चर्चित एरिया के परीक्षा केंद्रों पर विशेष नजर

डीआईओएस ने बताया कि जो भी एरिया नकल के मामले में चर्चित रहा है। उन एरिया के परीक्षा केंद्रों पर विशेष नजर है। खासतौर पर कैंपिरयगंज, पीपीगंज, पिपराइच, सोनबरसा, चौरीचौरा, सहजनवा आदि एरिया में कई ऐसे परीक्षा केंद्र हैं जहां पर नकल की सूचना मिलती रहती है। लेकिन मौके पर पहुंचने पर टीम को खाली हाथ आना पड़ा है। ऐसे परीक्षा केंद्रों पर विश्ोष नजर है।

इन एरिया के प्रिंटिंग प्रेस पर है विशेष नजर

- नखास चौक, नौसड़, चरगांवा, कौड़ीराम, पीपीगंज, चौरीचौरा, पिपराइच

वर्जन

जौनपुर में उत्तर पुस्तिकाओं की छपाई का मामला सामने आने के बाद से गोरखपुर में प्रिंटिंग प्रेस पर विशेष नजर है। जो भी सेंसटिव एरिया हैं। वहां की स्वयं निगरानी कर रहा हूं। किसी भी कीमत पर नकल माफिया की दाल गलने नहीं दी जाएगी।

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस