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LUCKNOW: रेव पार्टियों में मस्ती और नशे के लिए चोरी-छिपे इस्तेमाल होने वाले प्रतिबंधित पार्टी ड्रग मेफेड्रोन यानी 'म्याऊं-म्याऊं' बनाने की अवैध लैब का डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस ने पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह लैब एनसीआर के बहादुरगढ़ में चल रही थी। इस इंटरनेशनल ड्रग सिंडीकेट की तलाश में डीआरआई अधिकारियों की टीम काफी दिनों से सुरागरसी कर रही थी। बताते चलें कि मेफेड्रोन को एम-कैट, वाइट मैजिक, ड्रोन और म्याऊं-म्याऊं के नाम से भी जाना जाता है।

लखनऊ यूनिट को मिली सफलता

डीआरआई अधिकारी रजनीकांत मिश्र ने बताया कि लखनऊ जोनल यूनिट और नोएडा रीजनल यूनिट की टीम ने बहादुरगढ़ के एक कारखाने में छापा मारकर यहां स्थित लैब से 2.3 किलो मेफेड्रोन क्रिस्टल बरामद किए हैं। लैब से ड्रग बनाने के उपकरणों के साथ ड्रग के कच्चे माल के तौर पर ब्रोमो, पी-मिथाइल, हेक्सेन, ब्रोमाइन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, एसीटोन व टॉल्यूइन सहित अन्य केमिकल भी पकड़े गये हैं। ड्रग रैकेट के मास्टरमाइंड व कारखाना मालिक के साथ इस धंधे में शामिल उसके दो और सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। कारखाना मालिक के दिल्ली में वजीरपुर स्थित आवास के साथ कारखाने में उसके ठिकाने की भी तलाशी ली गयी है। जांच में सामने आया कि ड्रग के कच्चे माल के तौर पर केमिकल को चीन से आयात किया गया था और कस्टम की आंखों में धूल झोंकने के लिए इसे रंग बताया गया था। यह ड्रग प्रतिबंधित है और 50 ग्राम से अधिक मात्रा पाए जाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

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