आमिर अजमल कसाब, एक शख्स जिसने नौ और टेररिस्ट्स के साथ मिलकर मुंबई को तीन दिनों तक दहलाने का काम किया था. कसाब भले ही जेल में बंद हो, लेकिन विकिटम्स के रिलेटिव्स आज भी इंतजार कर रहे हैं कि आखिर कब उन्हें जख्म देने वाले इस शख्स को फांसी होगी?
तीन साल बाद इस हमले की साजिश लोगों के सामने आ चुकी है. लेकिन पूरी दुनिया को हैरान कर देने वाले इस हमले में आज भी कई ऐसे राज हैं, जो आज तक सामने नहीं आ पाए हैं.
तीन साल पहले जब 26 नवंबर 2008 को मुंबई अब तक के सबसे बड़े टेररिस्ट अटैक से दहली थी, तो उसके बाद कोस्टल सिक्योरिटी समेत तमाम दावे किए गए थे. तीन साल बाद शनिवार को मुंबई हमलों की तीसरी बरसी पर अगर नजर डालें तो पता लगता है कि ये सारे दावे वहीं के वहीं हैं.
नेवी, कोस्ट गार्ड और दूसरी कोस्टल सिक्योरिटी एजेंसीज के पास ना तो पूरे जाबांज हैं और ना ही पूरे हथियार. एक नजर कि कैसे आधे जाबांजों पर है मुंबई को सिक्योर करने का जिम्मा
जिन जगहों पर हमला हुआ वे जगहें आज भी उतनी ही असुरक्षित हैं जितनी कि 3 सालों पहले थीं.
डर के साये में जीती है मुम्बई
नहीं मिल पाया है न्याय
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