JAMSHEDPUR: पीएम मोदी का स्वच्छता अभियान जमशेदपुर में दम तोड़ रहा है। शहर के कई इलाकों में फैली गंदगी इसका इस बात का पुख्ता सबूत है। शहर में कंपनी एरिया हो या फिर नन कंपनी एरिया हर जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा है। इलाके की सही तरीके से सफाई नहीं की जा रही है। इस कारण सड़कों, गलियों और नालियों में कचरों का ढेर नजर आ रहा है। नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं होने कचरा सड़ने-गलने लगा है। ऐसे में लोगों का उन इलाकों से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। कचरों के जमाव के कारण इन एरिया में रहनेवाले लोगों के बीच अब महामारी के साथ ही कई जानलेवा संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा भी मंडराने लगा है। लोग आए दिन संबंधित अधिकारियों से इसकी शिकायत भी करते हैं, लेकिन जुस्को, जमशेदुपर नोटिफाइड एरिया कमिटी (जेएनएसी), मानगो नोटिफाइड एरिया कमिटी (एमएनएसी) और जुगसलाई नगरपालिका के अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है।

DDT-बलीचिंग का छिड़काव नहीं

शहर के ज्यादातर नन कंपनी ऐरिया में इन दिनों ना ही बलीचिंग पाउडर का छिड़काव हो रहा है और ना ही डीडीटी का छिड़काव किया जा रहा है। ऐसे में इन एरिया में भारी संख्या में मच्छर पनपने लगे हैं। इस कारण एरिया में मलेरिया जैसी घातक बीमारी के फैलने का खतरा भी बढ़ने लगा है।

कचरे के बीच रहना मजबूरी

ओल्ड केबल टाउन, केबल बस्ती, रिफ्यूजी कॉलोनी, ईस्ट बंगाल कॉलोनी, सितारमडेरा, गुरुद्वारा बस्ती सहित अधिकांश नन कंपनी ऐरिया के लोग कचरों के ढेर के बीचोबीच रहने को मजबूर हैं। पूरे ऐरिया के चारों ओर कचरे का ढेर लगा हैं। केबल बस्ती में सफाई का हाल कुछ ठीक नहीं है।

नहीं हो रही साफ-सफाई

शहर के कुछ इलाकों को छोड़ किसी भी एरिया में कचरे का उठाव नहीं हो रहा है। हफ्तों तक कचरा जमा रहने से लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं दूसरी ओर जब-तक कचरे सड़ने-गलने नहीं लग जाते, तब-तक इस तरफ किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जाता हैं। इस तरह के दुर्गध वाले कचरे लोगों को बीमारियां दे रही हैं, किसी भी अधिकारी की नींद नहीं खुल रही।

इन इलाकों में फैली है गंदगी

ओल्ड केबुल टाउन

केबल बस्ती।

केबल बस्ती ग्राउंड

सीताराम डेरा सेंटर

रिफ्यूजी कॉलोनी नाला के पास

गाढ़ाबासा नाला के पास

स्लैग रोड

गुरुद्वारा बस्ती, साकची

ईस्ट बंगाली कॉलोनी, सितारामडेरा

डीएस फ्लेट, गोलमुरी

आमबगान मैदान, साकची

पूरे एरिया में जेएनएसी द्वारा एक डस्टबीन लगाया गया है। जो कि हर दूसरे दिन कूड़े-कचरे से भर जाता है। वहीं कचरे का उठाव करने वाले सफाई कर्मचारी महीने में एक बार कचरा उठाने आते हैं। इस कारण डस्बीन के बाहर लोग कचरा डाल कर चले जाते हैं। जब सीएम के शहर की ही हालत ऐसी है तो फिर काहे का स्वच्छता अभियान।

-शंभू प्रधान, केबल टाउन।

जहां डस्टबीन की जरूरत होती है। वहीं डस्टबीन नहीं लगाया जाता है। इस कारण लोग जहां-तहां कचरा डंप कर चले जाते हैं। इस वजह से मेरे घर में मच्छरों की भरमार हो गई है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से ब्लीचिंग और डीडीटी का छिड़काव किया जाना चाहिए, लेकिन ये नहीं होता है।

-संतोष कुमार, सीतारामडेरा

कूड़ेदान में कचरा भर जाने के कारण वह सड़ने-गलने लगता है। कंप्लेन करने पर भी सफाई के लिए कोई नहीं आता। इससे गंदगी का अंबार लग गया है। पूरे एरिया में कचरे की बदबू फैलने लगी है। ऐसे में घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।

-शुभम झा, मनीफिट

पहले तो हर हफ्ते कचरे का उठाव होता था, लेकिन अब ये लोग कचरे का ढेर लगने का इंतजार करते हैं। कचरों की वजह से मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। आजकल रोज बारिश भी हो रही है। कचरा जमा होने की वजह से इनसे बदबू भी आ रही है।

-शिवम चौधरी, मनीफिट

सफाई व्यवस्था का हाल बहुत बुरा है। कचरा सड़ने-गलने पर लोग अधिकारियों से कप्लेन करते हैं। कचरा सड़ने के कारण इन इलाकों से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। शिकायत करने पर सफाईकर्मी कभी-कभी सफाई करने आते हैं।

-सोनू श्रीवास्तव, साकची