- पेयजल व स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए विकास भवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम

- अफसरों ने पेयजल की बढ़ी समस्याओं पर जताई चिंता, समाधान के लिए मांगा जनसहयोग

बरेली : जनसहभागिता के बिना कोई भी जागरूकता अभियान सफल नहीं हो सकता। इसलिए सभी को मिलकर कदम बढ़ाना होगा, तभी दूषित पेयजल व स्वच्छता के खिलाफ छिड़ी मुहिम सार्थक हो सकेगी। लोग जागरूक होंगे तो स्वच्छता को अपनाएंगे और बीमार होने से बचेंगे। बुधवार को विकास भवन में आयोजित पेयजल एवं स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मीरगंज विधायक डॉ। डीसी वर्मा ने यह विचार व्यक्त किए।

पानी की जांच का किया प्रदर्शन

कार्यक्रम में विंग्स संस्था सदस्यों ने नाटक 'जान है तो जहान है' के जरिए जागरूकता संदेश दिया। स्टॉल लगाकर पानी की जांच का प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी केंद्र व परिषदीय स्कूलों में संचालित की जाने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा, ग्रामीण अंचलों में शुद्ध पेयजल की समस्या गहरा रही है। रामगंगा के किनारे के दो ब्लॉक डार्क जोन में चिह्नित हैं। इसलिए जिला विज्ञान क्लब भविष्य का ध्यान में रखते हुए योजना तैयार करे। ताकि विद्यार्थियों में नवचेतना जागृत हो सके। सीडीओ सत्येंद्र कुमार ने ग्राम व ब्लॉक स्तर पर होने वाली बैठकों में संस्था सदस्यों को अभियान की रिपोर्ट साझा करने के निर्देश दिए। कहा, कुपोषण का एक कारण अशुद्ध पेयजल भी है। गांवों में शुद्ध पेयजल मिले, इसलिए जलनिगम की परियोजनाएं स्थापित की गई हैं, जिनका रख-रखाव ठीक से नहीं होने के कारण करोड़ों की परियोजनाओं के बाद भी ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए ग्राम पंचायत को नियमित संचालन रख-रखाव के लिए स्वयं रूपरेखा बनानी होगी। इस मौके पर संस्था सदस्य व अन्य अफसर मौजूद रहे।

शासन ने विंग्स संस्था को गांवों में उतारा

दरअसल शासन ने निजी संस्था विंग्स के सदस्यों को प्रदेश की हर ग्राम में पंचायत में पेयजल व स्वच्छता अभियान छेड़ने के लिए उतार दिया है। बरेली जिले में जिसकी शुरुआत 31 दिसंबर को क्यारा ब्लॉक से हुई। इसी कड़ी में जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसके चलते संस्था सदस्य गांवों में हैंडपंपों के पेयजल की जांच कर रहे हैं। समुदाय को स्वच्छता का पाठ पढ़ाकर बीमारियों को भी दूर भगाने के लिए चौपाल व सार्वजनिक स्थलों पर नुक्कड़ नाटिका, स्वच्छता मेला, सोशल मैपिंग, दीवारों पर संदेश प्रकाशित करके जागरूक कर रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में बाल संसद तैयार कर रहे हैं।