- करोड़ रुपये बहाने के बाद भी नहीं मिली समस्या से निजात

- जलभराव के कारण लोगों का जीना हो जाता है दूभर

Meerut। जली कोठी पर बारिश के दिनों में नाले का गंदा पानी सड़क पर आ जाता है। जिसके कारण सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। करोड़ों रुपये बहाने के बाद भी लोगों को समस्या से निजात नहीं मिलती। जलभराव के कारण लोगों का जीना दूभर हो जाता है।

सड़क पर रहती है भीड़

जली कोठी शहर का मुख्य स्थान है। इस सड़क से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं। इस सड़क पर मुख्य बाजार भी है। बावजूद इसके नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं देता। जलभराव को लेकर लोग कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।

बारिश के दिनों में अधिक समस्या हो जाती है। नाले का गंदा पानी सड़क पर आ जाता है। घुटने-घुटने तक पानी भर जाता है।

बिजेंद्र, स्थानीय निवासी

नालों की सफाई नहीं होती है। यह हालात तब हैं जब इसी सड़क पर जिला अस्पताल भी है। निगम के अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं।

निखिल, स्थानीय निवासी

नगर निगम हाउस टैक्स, वाटर टैक्स तो लेता है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं देता। सफाई कर्मी आते नहीं है। कई बार प्रदर्शन किया। पर अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती।

मोहम्मद चांद, स्थानीय निवासी

नगर निगम पूरे शहर से टैक्स वूसलता है। लेकिन वह पैसा कहां जाता है। किसी की कोई जवाबदेही नहीं है। उनसे पूछने वाला शहर में कोई है या नहीं।

अनीस, स्थानीय निवासी

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नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ। आरएस चौहान से बातचीत।

प्रश्न- सफाई की याद अब क्यों आती है

उत्तर- बारिश के दिनों के अलावा भी पूरे साल सफाई कराई जाती है। लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कूड़ा नाले में न डालें।

प्रश्न- सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये जाता कहां हैं

उत्तर- हर साल शेड्यूल बनाकर सफाई की जाती है। बजट मशीन और मैन पावर पर खर्च होता है। बड़े नालों के अलावा शहर में छोटे नाले भी हैं।

प्रश्न- लोगों को जलभराव से निजात कब तक मिलेगी।

उत्तर- जलभराव न हो इसके लिए निगम की ओर से हर संभव प्रयास किए जाते हैं। प्रयास है इस बार कहीं पर भी जलभराव न हो।

सफाई प्रतिदिन की जाती है। बारिश के दिनों में जलभराव हो जाता है। इस बार खुद खड़े होकर सफाई कराई जाएगी। जिससे जलभराव की समस्या दोबारा न हो।

मिष्ठा देवी, पार्षद वार्ड 35