- कोटद्वार में आपदा प्रभावितों ने सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे को बताया मामूली

- लोगों के घरों में घुसा है भारी मात्रा में मलबा

KOTDWAR: कोटद्वार में कुदरत की मार झेल चुके आपदा प्रभावितों ने सरकारी मुआवजे को मामूली बताया है। प्रभावितों ने सरकार से पूछा है कि इस मुआवजे से वे कैसे अपने नुकसान की भरपाई करें। लगातार दो दिन इलाके मे बादल फटने से जो जल सैलाब आया, उसमें आधा दर्जन लोगों की जान चली गई थी। जबकि, कई लोगों के घरों में मलबा घुस गया और उन्हें नुकसान झेलना पड़ा। प्रभावितों का कहना है कि एक मजूदर ढाई सौ से तीन सौ रुपये प्रतिदिन की मजदूरी ले रहा है। घरों में इतना मलबा घुसा है कि चार दिन में भी मलबे को पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता है। ऐसे में प्रशासन की ओर से आपदा के नाम पर दिए जा रहे 3800 रुपये के चेकको राहत कहा जाए या मजाक।

घरों में घुसा है मलबा

कोटद्वार क्षेत्र में गुरुवार और शुक्रवार की रात व शनिवार की सुबह प्रकृति ने बरसाती गदेरों के रूप में जबरदस्त कहर बरपाया। क्षेत्र में एक हजार से अधिक परिवार इस प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए। सिस्टम ने आपदा प्रभावितों की मदद को वायदा तो किया, लेकिन आपदा के तीन दिन बाद जब आपदा प्रभावितों को सरकार ने 3800 रुपए के चेक थमाए तो प्रभावितों की यह समझ नहीं आ रहा कि 3800 रुपये की धनराशि के इन चेक का क्या करें? दरअसल, बरसाती गदेरों में आए मलबे ने क्षेत्र में जबरदस्त उफान मचाया। हालात यह रहे कि कोटद्वार-भाबर व लालपानी क्षेत्र में लोगों के घर में मलबे के ढेर लग गए। प्रशासन ने सड़कों पर फैले मलबे को हटाने के लिए तो जेसीबी की व्यवस्था कर दी, लेकिन घरों में घुसे मलबे को हटाने के लिए लोगों को नाते-रिश्तेदारों के साथ ही मजदूरों की मदद लेनी पड़ी। आपदा प्रभावित रमेश ने बताया कि उसे 3800 का चेक दिया गया व उसने अपने घर से मलबा हटाने को पांच मजदूर रखे हुए हैं। मलबा हटने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे। ऐसे में प्रशासन का यह मुआवजा आपदा प्रभावितों के साथ सिर्फ मजाक ही नजर आ रहा है। आपदा प्रभावित प्रीतम सिंह को भी प्रशासन से यही शिकायत है कि प्रशासन की ओर से प्रभावितों की दी जा रही मदद आपदा की मार झेल रहे लोगों के जख्मों पर मरहम के बजाय नमक छिड़कने के समान है। शनिवार को कोटद्वार पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व रविवार को पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के समक्ष भी आपदा प्रभावितों ने इस बात पर नाराजगी जताई।

नहीं मिली सहायता राशि

रिफ्यूजी कॉलोनी व कौडि़या क्षेत्रों को छोड़ अन्य पूरे क्षेत्र में अभी तक प्रशासन ने सहायता राशि के नाम पर 3800 की धनराशि के चेक भी नहीं दिए हैं। नतीजा, लोग खुद की जेब से पैसे खर्च कर अपने घरों से मलबा निकाल रहे हैं। अलबत्ता, स्थानीय जनता प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी नजर आ रही है व हरसंभव मदद का प्रयास कर रही है।

हंस करेगा मदद

KOTDWAR: आपदा प्रभावित कोटद्वार क्षेत्र में पीडि़तों की मदद को हंस कल्चरल सेंटर आगे आया है। सेंटर संस्थापिका माता मंगला व भोले जी महाराज ने कोटद्वार आपदा पीडि़तों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें हरसंभव मदद देने की घोषणा की है। इधर, क्षेत्र में भी विभिन्न संस्थाएं लगातार आपदा पीडि़तों को मदद पहुंचा रही हैं। हंस कल्चरल सेंटर के सचिव चंदन सिंह भंडारी ने बताया कि कोटद्वार में हुई तबाही पर माता मंगला व भोलेजी महाराज ने अपनी संवेदना प्रकट करते हुए आपदा पीडि़तों तक तत्काल जरूरी सामान पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। बताया कि आपदा से अधिक प्रभावित लोगों को भी संस्था पूरी मदद देगी। इधर, आपदा प्रभावितों के लिए शहर के तमाम सामाजिक संगठन भी मदद के लिए आगे आए। भारत स्वाभिमान न्यास, वॉल ऑफ काइंड ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर प्रभावित परिवारों को राशन व अन्य सामान मुहैया कराया है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने सुनी समस्याएं

रविवार को प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने रविवार को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर आपदा प्रभावितों को ढांढस बंधाया व उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने सरकार से आपदा प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की भी मांग की।

आज पहुंचेंगे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सोमवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे। जिलाध्यक्ष डॉ.चंद्रमोहन खर्कवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सोमवार सुबह 11 बजे कोटद्वार पहुंचेंगे। इसके बाद वे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों का हालचाल जानेंगे।

एनएसएस ने किया श्रमदान

KOTDWAR: राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से रविवार को भी आपदा क्षेत्रों में श्रमदान किया गया। स्वयंसेवियों ने घरों में घुसे मलबे को बाहर निकाला। साथ ही आपदा प्रभावित लोगों को खाना व कपड़े वितरित किए। राष्ट्रीय सेवा योजना के गढ़वाल मंडल प्रभारी पुष्कर सिंह नेगी के नेतृत्व में स्वयंसेवियों ने रविवार को देवी रोड, रिफ्यूजी कॉलोनी, नगर पालिका स्कूल नंबर एक, सूर्यानगर, जानकीनगर व मानपुर में अभियान चलाकर श्रमदान किया। स्वयंसेवियों ने घरों और दुकानों के अंदर से मलबा निकालकर आपदा प्रभावितों की मदद की। साथ ही शीतलपुर और कण्वाश्रम में राहत कार्य करके प्रभावित लोगों को खाना, कपड़े व अन्य जरूरी सामान वितरित किया।