-सुबह से ही दुकानों व मंडियों में लग रही भीड़

-11 बजे के बाद ही हो पा रहा लॉकडाउन

बरेली : देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते 25 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है। इससे पहले 22 मार्च को जनता कफ्र्यू और 23 व 24 मार्च को सीएम के द्वारा लॉकडाउन किया गया था। इस तरह से 4 दिन हो गए हैं लेकिन लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामान खरीदने के लिए मिली छूट का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। पब्लिक मंडी और किराना मार्केट में टूट पड़ रही है। दूसरी ओर दुकानदार महंगे दाम पर सामान बेचकर लूट मचा रहे हैं। इससे न तो कोरोना भगाने के लिए दूरी मेनटेन हो रही है और न लोगों को जरूरत का सामान बिना किसी दिक्कत के मिल पा रहा है। शहर में रोजना सुबह के हालात खराब की नजर आते हैं। सुबह 11 बजे के बाद पुलिस की सख्ती के बाद ही पूरी तरह से लॉकडाउन का पालन हो पा रहा है।

मंडियों में ज्यादा भीड़

24 मार्च की रात जैसे ही पीएम ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की तो सब्जी और किराना की दुकानों पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने जरूरी सामान स्टॉक करना शुरू कर दिया। जब पुलिस को सूचना मिली तो सख्ती कर दुकानों को बंद कराया गया। इसके बाद वेडनसडे सुबह डेलापीर, श्यामगंज, कुतुबखाना सब्जी मंडी में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। फुटकर सब्जी बेचने वालों के साथ ही बड़ी संख्या में लोग भी सब्जी खरीदने के लिए मंडियों में पहुंच गए। यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहा। इसका पता लगने पर डीएम-एसएसपी को भी सड़क पर आना पड़ा इसके बाद सख्ती कर भीड़ को दूर कराने के आदेश दिए गए।

किराना मार्केट में मेला

श्यामगंज की किराना की थोक मार्केट में भी सुबह से ही मेला जैसा लग गया। यहां भी दुकानदारों के अलावा आम लोग भी सामान खरीदने पहुंचे ताकि वह कई दिनों का स्टॉक कर सकें। एक-एक दुकान पर कई कई लोग खड़े नजर आए। यहां लोगों के बीच न कोई दूरी और न कोई अवेयरनेस नजर आई। थोक मार्केट में भी माल न आने की बात कहकर सभी खाद्य सामग्री महंगे दाम पर बेची गई। फलमंडी में भी नवरात्र के चलते काफी भीड़ नजर आयी।

पुलिस में भी फैला कोराना का डर

कोरोना से लड़ने में पुलिस का अहम रोल है। पुलिस सड़कों के साथ ऑफिस में भी वर्क कर रही है। जाने-अनजाने वह कई ऐसे लोगों के भी संपर्क में आ रही है जो बुखार, खांसी आदि बीमारी से पीडित हैं। पुलिस में इसका डर है कि कहीं उन्हें भी कोरोना अपनी चपेट में न ले ले। वेडनसडे को एसएसपी ऑफिस में एक महिला कर्मचारी अपनी बेटी को लेकर पहुंच गई। उनकी बेटी दिल्ली से आयी है और उसे खांसी व सांस फूलने की परेशानी थी। इस पर वहां काम कर रहे अन्य पुलिसकर्मी परेशान हो गए। उन्होंने तो पहले महिला कर्मचारी को अपनी बेटी का टेस्ट कराने की बात कही। यही नहीं उन्होंने अधिकािरयों से भी कहा कि महिला कर्मचारी की बेटी जब तक बीमार हैं, तब तक खुद को आइसोलेशन में रखें और दफ्तर न आएं। महिला कर्मचारी अपनी बेटी को प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए लेकर गईं तब पुलिसकिर्मयों ने राहत की सांस ली।

पुलिस बनी बेसहारों का सहारा

पुलिस कोरोना वॉरियर्स बनकर सड़कों पर काम कर रही है तो लॉकडाउन में फंसे बेसहारा लोगों की भी मददगार बन रही है। वेडनसडे रात शहर के अलग-अलग एरिया में पुलिस ने सड़क किनारे रह रहे लोगों को भोजन कराया। कोतवाली एरिया में स्टेशन के आसपास कोतवाल गीतेश कपिल व उनकी टीम ने लोगों को भोजन कराया। इज्जतनगर में इंस्पेक्टर केके वर्मा ने भी कई लोगों को भोजन परोसा। इसके अलावा यूपी 112 भी लोगों की कॉल पर उन्हें मदद पहुंचा रही है।