हालात

-जलती चिता के बीच नोटों की चर्चा रही तेज

- लकड़ी के फिक्स रेट, नहीं दिए फुटकर पैसे

Meerut । देश में ब्लैक मनी पर मोदी सरकार ने सबसे बड़ा प्रहार किया। तो उसका सबसे असर हर जगह देखने को मिला। शहर में जहां बाजार सूने रहे तो वहीं अंतिम संस्कार स्थलों पर भी लोग 500 और एक हजार के नोट के विषय में ही चर्चा करते नजर आए। हालांकि कई लोग मोक्षधाम में 500 और एक हजार के नोट के चलन को लेकर आशंकित नजर आए।

उधर चिता जली, इधर चर्चा

जीवन और मृत्यु के सच को समझने का एक मात्र स्थान श्मशान घाट को ही कहा जाता है। जहां इंसान को क्षणिक संन्यास की आभास होता है। और वो जीवन की दुश्वारियों से दूर होता है। लेकिन पीएम मोदी की घोषणा के बाद हर जगह 500 और एक हजार के नोटों की ही चर्चाएं थी। सूरजकुंड के मोक्षधाम में भी लोग माया यानि नोटों की चर्चा ज्यादा करते रहे।

कहीं गुस्सा, कहीं सराहना

हालांकि श्मसान घाट पर पांच सौ और एक हजार के नोटों पर कोई बैन यानि प्रतिबंध नहीं था। लेकिन मोक्षधाम में लोग इसी पर चर्चा करते रहे। आमतौर पर लोग मृतक के विषय में चर्चा करते हैं लेकिन देश की सबसे बड़ी खबर श्मशान घाट की भी सुर्खियां बनी थी। कुछ लोग मोदी सरकार की सराहना करते नजर आए तो कुछ का कहना था कि अंतिम संस्कार के दौरान भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

पंडितों ने लिए नोट

हालांकि केंद्र सरकार के मुताबिक 500 और एक हजार के नोट की श्मसान घाटों पर कोई मनाही नहीं है। लेकिन फिर भी शव लेकर आए कुछ लोग आशंकित दिखे। लेकिन सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर पंडितों ने अंतिम क्रिया के दौरान दक्षिणा में 500 और हजार के नोट लिए। पं। शशिकांत ने बताया कि श्मशान घाट पर किसी से बहस नहीं की जा सकती है.फिर सरकार ने भी कहा है कि श्मशान घाट पर 500 और एक हजार के नोट लिए जा सकते हैं। इसलिए बहुत ज्यादा लोगों को परेशानी नहीं हुई

लकड़ी के रेट फिक्स

देश में पांच सौ और एक हजार के नोट बैन होने के बाद श्मशान घाट पर लकड़ी के टाल दुकानदारों ने भी रेट फिक्स कर दिए थे ताकि फुटकर पैसों की समस्या से ना जूझना पड़े। श्मशान घाट पर लकड़ी विक्रेता दिनेश प्रजापति कहते हैं कि आम दिनों में लकड़ी के रेट 2200 से 3200 रुपए हैं। लेकिन पीएम की घोषणा के बाद 2500 और तीन हजार रुपए रखे गए हैं। फुटकर पैसे का झंझट ना रहे। और किसी से बहस भी ना हो।