- महोत्सव में फिर से एक्सप‌र्ट्स के बीच होगी चर्चा

- प्रो। राजवंत राव और डॉ। प्रदीप राव की लिखी मंथन पत्रिका का भी होगा इनॉगरेशन

- सभी सब्जेक्ट्स को एक धागे में पिरोने की कोशिशें जारी

GORAKHPUR: गोरखपुर महोत्सव में इस बार भी 'मंथन' होगा। इसमें सभी सब्जेक्ट्स को एक धागे में पिरोया जाएगा और इसके जरिए शहर की तरक्की का रोडमैप सबके सामने पेश किया जाएगा। इस दौरान गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। राजवंत राव और एमपीपीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप राव के संपादन में 'मंथन' पत्रिका भी छपेगी। इसमें विभिन्न लेखों के जरिए अतीत से अब तक शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात, पर्यावरण, संचार, उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में गोरखपुर के विकास का लेखा-जोखा तो होगा। भविष्य में तीव्र विकास के साथ आम आदमी की खुशहाली के लिए क्या तैयारियां चल रही हैं, इसके बारे में भी जानकारी होगी।

भविष्य का रास्ता तय करने की कोशिश

इस खास इवेंट में गोरखपुर को सांस्कृतिक, औद्योगिक, नैतिक, धार्मिक, पर्यावरणीय और योजनात्मक प्रबंधकीय क्षमता से समृद्ध बनाने वाली शख्सियतों को भी याद किया जाएगा। पत्रिका के लेखों में गोरखपुर के अतीत की विरासत और वर्तमान के बोध के साथ-साथ भविष्य का रास्ता तय करने की कोशिश होगी। अपनी तपस्या, कृतित्व से गोरखपुर और आसपास के जिलों की भूमि को पवित्र, समृद्ध बनाने वाले गुरु गोरखनाथ, महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी, संतकबीर, मुंशी प्रेमचंद, फिराक गोरखपुरी, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, महंत दिग्विजयनाथ, शहीद बंधू सिंह, भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार और महंत अवेद्यनाथ सहित अन्य महान पूर्वजों को याद किया जाएगा।

छूटे टॉपिक्स को शामिल करने की कोशिश

पत्रिका के संपादक डॉ। राजवंत राव और डॉ। प्रदीप राव ने बताया कि संपादन मंडल और लेखक दिन-रात जुटे हैं। इस बार उन सब्जेक्ट्स को भी इसमें शामिल करने की कोशिश है, जो पिछली बार छूट गए थे। कोशिश होगी कि विभिन्न क्षेत्रों के जानकारों के बीच मंथन के जरिए वर्तमान की उपलब्धियों और चुनौतियों का निष्पक्ष मूल्यांकन कर एक ऐसा रोडमैप तैयार किया जाए जो गोरखपुर के नागरिकों को उन्नति और प्रसन्नता के चरम बिंदु तक ले जाए।