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- इमरजेंसी फुल हो गई तो स्वाइन फ्लू वार्ड में भी एडमिट किए गए पेशेंट

- बारिश खत्म होने के बाद अचानक बढ़ी पेशेंट की तादाद

GORAKHPUR: बारिश के मौसम में सावधानी की तमाम हिदायतों व जागरुकता के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। लगातार हो रही बारिश के रुकते ही अस्पतालों में मरीजों की अचानक तादाद बढ़ गई। शुक्रवार को तो हालत यह रही कि मौसमी बीमारी से परेशान लोग जब इमरजेंसी में भी न समाए तो स्वाइन फ्लू वार्ड में भी उन्हें एडमिट किया गया। यही नहीं, जिला अस्पताल के अन्य वार्ड भी वायरल फीवर, डायरिया के पेशेंट से फुल हो गए हैं।

सभी वार्ड फुल

जिला अस्पताल के इमरजेंसी, ऑर्थो मेल व फीमेल, मेडिसीन वार्ड तो पहले ही फुल हो गए। मरीज बढ़े तो उन्हें अन्य वार्डो में भी शिफ्ट कर दिया गया। इससे दूसरे वार्डो के पेशेंट्स व तीमारदारों की परेशानी बढ़ गई है। इमरजेंसी, मेन, फीमेल किसी भी वार्ड में एक भी बेड खाली नहीं है।

इमरजेंसी में नहीं मिली जगह

खोराबार निवासी प्रभावती देवी का एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इमरजेंसी में बेड खाली नहीं थी। इस स्थिति में उन्हें स्वाइन फ्लू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। अब इसी वार्ड में उनका चल रहा है। इमरजेंसी के मरीज छह बेड वाले स्वाइन फ्लू वार्ड में भी भर दिए गए हैं। संयोगवश अभी स्वाइन फ्लू का कोई पेशेंट यहां एडमिट नहीं है।

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कॉलिंग

चार दिन पहले एक हादसे में मेरी दादी घायल हो गई। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इमरजेंसी में बेड खाली नहीं होने का हवाला देकर डॉक्टर ने स्वाइन फ्लू वार्ड में भेज दिया।

राहुल यादव, खोराबार

अस्पताल में बेड खाली नहीं होने की बात कर डॉक्टर व हेल्थ कर्मी मरीजों को इधर से उधर वार्ड में शिफ्ट कर रहे हैं। इसके चलते गंभीर मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। स्टाफ भी समय पर केयर करने नहीं आ रहे हैं।

धर्मेद्र यादव, खोराबार

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अभी वार्डो की यह है हालत

वार्ड बेड मरीज की संख्या

इमरजेंसी 35 31

ऑर्थो मेल 40 35

ऑर्थो फीमेल- 20 19

आईसीयू - 12 04

इंसेफेलाइटिस वार्ड - 12 - 06

मेडिसीन वार्ड---20 18

(जिला अस्पताल के अन्य सभी वार्डो में भी 15 से 20 पेशेंट्स एडमिट हैं.)

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रहें सावधान नहीं तो होंगे बीमार

- साफ सफाई पर ध्यान दें।

- खाने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं।

- बाहर की वस्तुओं व दूषित खाद्य पदार्थो के सेवन से बचें।

- ताजा भोजन लें, देर तक रखा खाना न खाएं।

- श्वांस के मरीज अधिक सावधानी बरतें।

- बारिश के पानी व तापमान के उतार-चढ़ाव से बचें।

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फीवर होने पर यह करें

- बुखार होने पर पैरासिटामॉल लें।

- साफ पानी खूब पीएं, पौष्टिक आहार लें।

- पानी को गरम कर के ही पीएं।

- खांसते-छींकते समय मुंह पर कपड़ा रखें।

- ज्यादा परेशानी हो तो आराम करें।

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वर्जन

मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए इमरजेंसी के अलावा अन्य वार्डो में भी दो से चार बेड आरक्षित किए गए हैं। अन्य सामान्य मरीजों का भी बेहतर उपचार किया जा रहा है। कोशिश यही है कि सभी को उपचार मिले।

डॉ। डीके सोनकर

एसआईसी, जिला अस्पताल