-जिला अस्पताल में कीमोथेरेपी करने को शासन ने जारी किए निर्देश

- अस्पताल में नहीं कीमोथेरेपी एस्पर्ट और न ही डॉक्टर

Meerut। जिला अस्पताल में निशुल्क कीमोथेरेपी को लेकर आए शासनादेश से भले ही कैंसर मरीजों को राहत मिली हो, लेकिन वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है। जिला अस्पताल में कीमोथेरेपी तो दूर, कैंसर वार्ड तक नहीं है। ऐसे में शासनादेश किस हद तक कामयाब होगा यह बड़ा सवाल है।

क्या है मामला

शासन ने मेरठ समेत प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में कैंसर के मरीजों को निशुल्क कीमोथेरेपी दिए जाने की घोषणा की है। ऐसे में कीमोथेरेपी के लिए मोटी रकम खर्च करने वाले मरीजों के लिए यह राहत देने वाली खबर है। लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर नजर आती है। दरअसल, जिला अस्पताल में न तो कैंसर वार्ड है और न ही कीमोथेरेपी देने वाले एक्सपर्ट फार्मेसिस्ट और डॉक्टर। ऐसे में कैंसर मरीजों को निशुल्क कीमोथेरेपी मिल पाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

डॉज बनाना नहीं आसान

डॉक्टर्स के अनुसार कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी की कितनी डॉज दी जानी है। इसके लिए एक्सपर्ट फार्मेसिस्ट स्टॉफ की आवश्यक्ता होती है। जबकि सर्जरी के लिए अच्छे डॉक्टर्स का होना अनिवार्य है। ऐसे में बिना डॉक्टर्स और स्टॉफ के निशुल्क कीमोथेरेपी कैसे उपलब्ध कराई जा सकेगी यह देखने वाली बात है।

अभी शासनादेश जारी हुआ है। विभाग को कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। हो सकता है यह पीपीपी मॉडल पर निर्धारित किया गया हो। संसाधन मिलेंगे को अनुपालन किया जाएगा।

-डॉ। एसके गुप्ता, एसआईसी