- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्टिंग में हुआ खुलासा

-अस्पताल में भर्ती से लेकर लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी पैथोलॉजी में जांच के नाम पर लिए जा रहे पैसे

GORAKHPUR: राज्य और केंद्र सरकार सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ शिशु के उद्देश्य से सुरक्षित मातृत्व दिवस और जननी सुरक्षा जैसी योजनाओं पर जोर दे रही हैं। साथ ही सरकारी अस्पतालों में गर्भवती व प्रसूताओं के लिए सभी सुविधाएं मुफ्त देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। मुफ्त सुविधा की इबारत तो दीवारों पर लिखी है, जबकि महिलाओं से भर्ती, इमरजेंसी पैथालोजी में जांच, ऑपरेशन थियेटर से लेकर बेड तक के लिए वसूली की जा रही है। इसका खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है। स्टिंग में मामला सामने आया कि जिला महिला अस्पताल में इमरजेंसी की ओपीडी में डिलीवरी से पहले गर्भवती महिलाओं व उनके परिजनों से खुलेआम पैसे वसूले जा रहे हैं। जबकि, बड़े अफसर चुप्पी साध रखे हैं।

50 रुपए में करेंगे भर्ती

इमरजेंसी ओपीडी के बगल वाले कमरे में एक हेल्थ कर्मी कुर्सी पर बैठक भर्ती की पर्ची बना रहा था और इसके बदले में हर मरीज से 50 रुपये वसूल रह था। जब इस संबंध में बातचीत की गई तो सवाल-जवाब करने लगा। बाद में जब उसे सच्चाई मालूम हुई तो फौरन कुर्सी छोड़ बाहर निकल गया। पास के इमरजेंसी कक्ष में डॉक्टर गर्भवती महिलाओं की जांच कर रही थी। इस संबंध में जब डॉक्टर से कहा गया तो उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं हैं। यहां सभी मरीजों का मुफ्त इलाज होता है। यदि ऐसा कोई कर रहा है ताे गलत है।

रजिस्टर में दर्ज हैं मरीजाें के नाम

गोरखनाथ एरिया के रसूलपुर की रहने वाली रेहाना, सफिना खातून और शाहपुर के जेल रोड की बेबी उर्फ लक्ष्मी की शुक्रवार दोपहर हालत गंभीर हो गई। परिजन जिला महिला अस्पताल के इमरजेंसी ओपीडी में लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने भर्ती पर्ची बनवाई, इसके बदले मे उनसे पैसे लिए गए। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर से दिखाया।

कर्मचारी से रिपोर्टर की बातचीत

रिपोर्टर- क्या अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के भर्ती का चार्ज लगता है?

कर्मचारी--यहां मुफ्त इलाज होता है। भर्ती का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है।

रिपोर्टर--तो किस बात का गर्भवती महिलाओं के परिजनों से पैसे लिए जा रहे हैं?

कर्मचारी - चाय, पानी व नास्ते के लिए थोड़ा बहुत पैसे ले लेते हैं

रिपोर्टर- क्या सरकार आप को वेतन नहीं देती है?

कर्मचारी- वेतन तो ि1मलता है

फैक्ट

महिला अस्पताल में बेड की संख्या--141

सामान्य ओपीडी--400

इमरजेंसी ओपीडी--35

लेबर रूम में भर्ती हुई गर्भवती महिलाओं की संख्या--31

प्रतिदिन ओटी में ऑपरेशन--06

वर्जन

यदि अस्पताल में ऐसा चल रहा है तो बेहद शर्मनाक बात है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी इसमें लिप्त हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। डीके सोनकर, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल