-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और फीमेल हॉस्पिटल में बनेंगे दो रोगी आश्रय स्थल

-20-20 लाख की लागत से तैयार रोगी आश्रय स्थल में होंगी कई सुविधाएं

-किचेन, टॉयलेट्स, सामान रखने को लॉकर्स और सेपरेट हॉल की सुविधा

BAREILLY: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज करा रहे मरीजों की देखभाल में जुटे उनके परिजन-रिश्तेदार अब खुले आसमान के नीचे ठौर नहीं तलाशेंगे। मरीजों के साथ आए उनके तीमारदारों के लिए भी जल्द ही पक्की छत की व्यवस्था की जाएगी। शासन की ओर से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल व फीमेल हॉस्पिटल में रोगी आश्रय स्थल बनाए जाने के प्रपोजल को मंजूरी दे दी गई है। इन दोनों निर्माण कार्यो के लिए स्टेट बजट से फंड जारी कर दिया गया है। दोनों हॉस्पिटल्स में निर्माण कार्य की जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग को दी गई है। सीएमओ ऑफिस ने अगले महीने से दोनों हॉस्पिटल्स में रोगी आश्रय स्थल की इमारत बनाए जाने की कवायद शुरू होने की जानकारी दी।

ब्0 लाख से हाेगा निर्माण

डिस्ट्रिक्ट व फीेमेल हॉस्पिटल में बनाए जा रहे हर एक रोगी आश्रय स्थल के लिए ख्0 लाख ब्0 हजार रुपए का बजट पास किया गया है। सीएमओ डॉ। विजय यादव ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के मेल-फीमेल सर्जिकल वार्ड वाली इमारत के पास ही यह रोगी आश्रय स्थल बनाया जाएगा। जहां सबसे ज्यादा तीमारदारों का जमावड़ा लगता है। वहीं फीमेल हॉस्पिटल में ओवरहेड टैंक के नजदीक रोगी आश्रय स्थल बनाए जाने की जगह चिन्हित की गई है।

खुले में रहते हैं तीमारदार

रोगी आश्रय स्थल बनाए जाने की कवायद भले ही मंजूरी पा गई हो, लेकिन फिलहाल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सैकड़ों मरीजों के तीमारदार खुले में ही रहने को मजबूर हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की इमरजेंसी वार्ड, बर्न वार्ड व बच्चा वार्ड और सर्जिकल वार्ड के पेशेंट्स के संग आए तीमारदार दिन में पेड़ की छांव तले और रात में खुले आसमान के नीचे ही रहते हैं।

फीमेल हॉस्पिटल में शेल्टर नाकाफी

यही हाल फीमेल हॉस्पिटल का भी है। यहां दो जगह टीनशेड का शेल्टर बनाया गया है, लेकिन हॉस्पिटल में जुटने वाली भीड़ के लिए यह दोनों शेल्टर नाकाफी रहते हैं। इन टीन शेड के नीचे ही ज्यादातर तीमारदार खान पकाने और सोने की व्यवस्था करते हैं। जिन्हे शेल्टर की छत भी नसीब नहीं होती वे खुले में रहने को मजबूर रहते हैं। ऐसे में पिछले काफी समय से हॉस्पिटल में रोगी आश्रय स्थल बनाए जाने की मांग उठ रही थी।

किचेन व टॉयलेट्स की सुविधा

हॉस्पिटल्स में बनाए जा रहे इन रोगी आश्रय स्थल में तीमारदारों के लिए जरूरी सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। इन रोगी आश्रय स्थल में तीमारदारों के लिए किचेन व टॉयलेट्स की सुविधा खास तौर पर होगी। किचेन के होने से तीमारदार अपने व मरीज के लिए हॉस्पिटल में ही खाना पका सकेंगे। वहीं टॉयलेट्स की सुविधा होने से तीमारदार खासकर महिलाओं व ग‌र्ल्स को खासी राहत मिलगी। इसके अलावा हर रोगी आश्रय स्थल में मेल व फीेमेल के लिए सेपरेट हॉल की भी व्यवस्था होगी।

बनेंगे फ् मॉर्डन टायलेट्स

टॉयलेट्स की जबरदस्त कमी से जूझ रहे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स में जल्द ही मॉर्डन टॉयलेट्स भी बनाए जाएंगे। शासन की ओर से हॉस्पिटल में तीन नए मॉर्डन टॉयलेट्स बनाए जाने के प्रपोजल को पास कर दिया गया है। सीएमओ ऑफिस के जेई के मुताबिक इन टॉयलेट्स को बनाने की जिम्मेदार बीडीए को दी गई है। पे एंड यूज की तर्ज पर इन मॉर्डन टॉयलेट्स का निर्माण होगा।

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डिस्ट्रिक्ट व फीमेल हॉस्पिटल में रोगी आश्रय स्थल बनाए जाने हैं। इसके लिए बजट जारी किया जा चुका है। समाज कल्याण विभाग इसकी कार्यदायी एजेंसी है। इसके साथ ही हॉस्पिटल में तीन मॉर्डन टॉयलेट्स बनाए जाने का भी काम शुरू हो रहा है.- डॉ। विजय यादव, सीएमओ