करोड़ो के बजट से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को अपग्रेड करने की कवायद

इमरजेंसी को नहीं मिला आईसीयू वार्ड, ट्रॉमा केसेज का इलाज अब भी नहीं

सीएमओ की ओर से भेजे गए प्रस्तावों पर शासन की सुनवाई अब तक नहीं

BAREILLY: पूरे मंडल में आम जनता के लिए कमोबेश अन्य सरकारी हॉस्पिटल से बेहतर सुविधाओं वाले डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को अपग्रेड किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। लंबे समय से फाइलों में लटकी पड़ी तमाम योजनाओं में कुछ जहां फाइलों से निकलकर जमीन पर उतरने लगी है। तो वहीं कई शुरू होने को हैं। लेकिन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को अपग्रेड करने की इस कवायद में एक बेहद अहम कड़ी अब भी फेहरिस्त से गायब है। हॉस्पिटल में ट्रॉमा केसेज के इलाज के लिए आईसीयू वार्ड अब तक नहीं है। शासन को इस बारे में प्रपोजल भिजवाए जाने के बावजूद आईसीयू या आईसीसीयू वार्ड की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध न हो सकी।

करोड़ों की योजनाओं में नहीं आईसीयू

साल ख्0क्0 से लेकर ख्0क्ख् में शासन की ओर से ज्वाइंट डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को करोड़ों के अपग्रेडेशन की सौगात दी गई। साल ख्0क्0 में फीमेल हॉस्पिटल में प्रसूताओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए ख्0 करोड़ के बजट से क्00 बेड वाले मेटरनिटी विंग बनाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ। वहीं मेंटल हॉस्पिटल में फ्00 बेड वाला सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए ब्ख् करोड़ का बजट पास हुआ। वहीं सर्जिकल वार्ड के पास क् करोड़ की लागत से आयुष विंग का निर्माण भी हुआ। लेकिन इन योजनाओं में आईसीयू या ट्रॉमा सेंटर बनाए जाना शामिल न हुआ।

अपग्रेडेशन में भी जगह नहीं

ज्वाइंट डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के अपग्रेडेशन की कवायद में भी आईसीयू बनाए जाने का प्रस्ताव जगह न पा सका। शासन की ओर से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल व फीमेल हॉस्पिटल को अपग्रेड करने के लिए ब्-ब् करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया। जिसमें मरीजों के बेहतर इलाज के लिए जरूरी इक्विपमेंट्स और सुविधाएं जुटाना शामिल हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सवा करोड़ से बर्न यूनिट बन गई। साथ ही ब्0 लाख से रोगी आश्रय स्थल बनाए जाने और बच्चा वार्ड में एनआईसीयू को अपग्रेड करने के लिए ब्0 लाख का प्रस्ताव पास हो गया। लेकिन आईसीयू वार्ड का प्रस्ताव मंजूरी न पा सका।

क्रिटिकल केसेज के लिए इलाज नहीं

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में क्रिटिकल केसेज के लिए इलाज की व्यवस्था नहीं। आईसीयू व आईसीसीयू न होने से रोड हादसे के शिकार गंभीर मरीज या इमरजेंसी केसेज को तुरंत ऑपरेट करने व संभालने के लिए इक्विपमेंट भी नहीं। इमरजेंसी वार्ड में वेंटिलेंटर तक की सुविधा नहीं जिससे यहां क्रिटिकल केसेज के इलाज की व्यवस्था समझी जा सकती है। ख्8 जून को फतेहगंज पूर्वी में हुए बस हादसे में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लाए गए गंभीर हालत वाले मरीजों को शहर के एक निजी हॉस्पिटल में एडमि कराना पड़ा था।

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डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आईसीयू बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को बहुत पहले भेजा जा चुका है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आईसीयू की बेहद जरूरत है। शासन से इस बारे में अच्छा रिस्पांस मिला है। जल्द ही इसके शुरू होने की उम्मीद है। - डॉ। विजय यादव, सीएमओ