गजाला छह जुलाई, 2003 को चौधरी बशीर की दुल्हन बनकर आगरा आई थीं. 2004 में दोनों ने समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम लिया. 2005 में इस दम्पति को एक बेटी हुई. गजाला को पहले निकाह से तीन बच्चे थे, लेकिन राजनीतिक भविष्य की अनिश्चिता ने दोनों में दरार पैदा कर दिया. वक्त करवट लेता रहा, फिर भी गजाला ने सपा का दामन नहीं छोड़ा तो वह इस बार के चुनाव में रामपुर से जीत गईं.

उधर, बशीर ने पहले तो कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया था, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में वह राष्ट्रीय समता दल के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे और हार गए. नतीजे आने के बाद बशीर और गजाला में अब तलाक हो गया है. बशीर ने निकाह के मौके पर पेश 'मेहर' की रकम भी लौटा दी है.

उम्मीद है कि गजाला अब नए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में शामिल हो जाएंगी. वहीं, बशीर बीते सुनहरे पलों को याद करते हुए दिन गुजारने को विवश हैं.

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